भागलपुर : भागलपुर का मसाढु गांव वहीं गांव है जहां पिछले वर्ष गंगा नदी के आगोश में चार दर्जन से अधिक पक्के के मकान गंगा में समा गए थे। कई दो मंजिला इमारत चंद मिनटों में नदी की तेज बहाव में विलीन हो गई थी। पीड़ितों को प्रशासन की ओर से एक लाख 20 हज़ार रुपए मुआवजे की राशि देने का आश्वासन लिखित तौर पर दिया गया था लेकिन अब उससे इंनकार किया जा रहा है। जदयू विधायक गोपाल मंडल के पुत्र आशीष मंडल ग्रामीणों के साथ गांव में अनशन पर बैठ गए। कट ऑफ प्रीत को न्याय दिलाने के लिए वह अनशन पर बैठे हैं।
जीने की इच्छा हुई खत्म, अब आत्महत्या करने का कर रहा है मन – पीड़ित
वही जिनका दो मंजिला मकान गंगा में समय था उन्होंने अपना दर्द व्यां करते हुए कहा कि अब जीने की इच्छा खत्म हो गई है। पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने का मन करता है। इससे पहले अनसन ही एकमात्र उपाय हम लोगों को दिखाई दिया। वहीं गोपाल मंडल के पुत्र आशीष मंडल ने कहा कि हमलोग शांतिपूर्ण अनशन पर बैठे हैं। प्रशासन को यहां पहुंचना ही होगा और पीड़ितों को न्याय देना होगा। किशन सेन को जितिया आंदोलन का नाम दिया गया है। क्योंकि पिछले वर्ष जितिया पर्व के दिन से ही गांव के कटने की शुरुआत हुई थी।
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राजीव रंजन की रिपोर्ट
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