निशिकांत दुबे की सदस्यता रदद् करे चुनाव आयोग- सुप्रियो भट्टाचार्य

Ranchi– जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे

की सदस्यता रद्द कर आपराधिक मामला दर्ज करवाने की मांग की है.  

केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि निशिकांत दुबे लगातार चुनाव आयोग

की गोपनीयता को भंग कर रहे हैं, यह एक आपराधिक मामला है.

केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का आरोप

निशिकांत दुबे को राजनीतिक रुप से वाचाल बताते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि

उनके द्वारा आज दावा किया गया है कि चुनाव आयोग ने एक बंद लिफाफा राज्यपाल को भेजा है,

उस लिफाफे में मुख्यमंत्री की सदस्यता को रद्द करने की अनुशंसा की गयी है.

जिसके बाद सभी न्यूज चैनलों ने इस न्यूज को फ्लैश

संविधान में हर संस्था की जिम्मेवारी तय कर दी गयी है

लेकिन राजनीतिक वाचाल निशिकांत दुबे यह भूल गये कि भारत में संविधान में सभी

संस्थाओं को उनकी शक्ति और जिम्मेवारियां निर्धारित कर दी गयी है.

सभी संस्थाओं को यदि शक्ति दी गयी है तो साथ में जिम्मेवारियां भी सौंपी गयी है.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आखिर उस बंद लिफाफे में क्या है, इसकी जानकारी निशिकांत दुबे को कैसे हो गयी.

जिस बंद लिफाफे को कोई संवैधानिक अधिकारी ही पढ़ सकता है, उस लिफाफे के कंटेट को

निशिकांत दुबे ने कैसे पढ़ लिया.

राज्यपाल से पहले निशिकांत को कैसे मिली जानकारी?

खुद राज्यपाल कह रहे हैं कि उन्हे इस मामले की अभी कोई जानकारी नहीं है.

तो यह जानकारी निशिकांत दुबे को कैसे मिली.  

ऐसे में चुनाव आयोग की गरिमा को भंग करने की कोशिश हुई है,

हम चुनाव आयोग से मांग करते हैं  निशिकांत दुबे की सदस्यता रद्द हो और

उन पर  आपराधिक मामला दर्ज हो. नहीं तो माना जाएगा कि

चुनाव आयोग का फैसला अब भाजपा कार्यालय में लिखा जा रहा है.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जेएमएम हर वक्त किसी भी मोर्चे पर भाजपा से राजनीतिक रूप लड़ने को तैयार है.

2019 में चुनावी हार का मजा चखाया, चार-चार उपचुनाव में शिकस्त दिया.

भाजपा को किसी भी राज्य में किसी विपक्षी दल को काम करना मंजूर नहीं है,

वह तो हमेशा से हर सरकार को अस्थिर करने की जुगत में रहती है.

जेएमएम सांसद विजय हांसदा ने कहा कि संविधान की नींव मजबूत है,

लेकिन आज यह जरूर महसूस हो रहा कि संवैधानिक संस्था कमजोर हो रही है,

हम तैयार हैं जो भी फैसला आये, सरकार स्थिर है,

हमारा विकल्प सिर्फ हेमन्त सोरेन हैं,  2024 तक मजबूती के साथ हेमन्त सोरेन की

सरकार चलेगी और जो भी जनता से वादे हैं वह सभी वादे पूरे होंगे

चुनाव आयोग के फैसले आखिरी नहीं होंते, न्यायालय का दरवाजा खुला हुआ है -विजय हांसदा

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