पटना : महिला पुलिस भी सुरक्षित नहीं – राजधानी पटना से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। थाना के इंस्पेक्टर पर महिला दारोगा ने जबरन यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। मामला जक्कनपुर थाने की बतायी जा रही है। बता दें कि महिला दारोगा ने एससी-एसटी थाना में इंस्पेक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया है। उन्होंने थाना में दिए गए आवेदन में लिखा है कि इंस्पेक्टर मुझे जबरन अपने क्वार्टर में बुलाते थे और मेरे साथ गलत काम करते थे। साथ ही यह भी धमकी देते थे कि अगर किसी से यह बात कहोगी या मेरी बात नहीं मानोगी तो तुम्हें सस्पेंड कर दूंगा। मामला दर्ज कर लिया गया है।
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मामला पटना जिले के एससी-एसटी में दर्ज किया गया है। थाना में दिए गए आवेदन में महिला दरोगा का कहना है कि वह मुजफ्फरपुर जिले के गोबरसही की रहने वाली है। वर्तमान में वह जक्कनपुर थाना में पदस्थापित थी।। वहां सुदामा प्रसाद सिंह इंस्पेक्टर थे। सुदामा प्रसाद सिंह का कार्यकाल एक नवंबर 2021 से 30 जनवरी 2024 तक रहा, लेकिन उनके ट्रांसफर होते ही महिला दारोगा ने उन पर यौन शोषण का मामला दर्ज करा दिया। इस संबंध में एससी-एसटी थाना के थानाध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि एक फरवरी को मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
महिला पुलिस भी सुरक्षित नहीं
आवेदन में महिला दारोगा ने लिखा है कि चूंकि मैं अनुसूचित जाति से हूं इसलिए थाना अध्यक्ष सुदामा कुमार सिंह मुझे ड्यूटी एवं अन्य कार्य के निष्पादन में मुझे विभिन्न तरह से प्रताड़ित करते थे। मुझे थाना परिसर स्थित अपने आवास पर आने के लिए दवाब बनाते थे। साथ ही वह यह भी कहते कि मेरे कहे अनुसार अगर काम नहीं करोगी या मेरी बात नहीं मानी तो तुमको काम में लापरवाही के आरोप में निलंबित करवा देंगे। वह यह भी धमकी देते थे कि मेरी पहुंच बहुत ऊपर तक है। उन्होंने कई बार इस बात का जिक्र किया कि मेरी पहुंच यहां के पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ अन्य पुलिस अधीक्षक से भी है, इसलिए जैसा कहता हूं वैसा करो।
महिला पुलिस भी सुरक्षित नहीं
आवेदन में महिला दारोगा ने लिखा है कि एक दिन उन्होंने मुझे अपने क्वार्टर पर बुलाया। जब मैं वहां पहुंची तो मुझे उन्होंने कॉफी पीने को दिया। मैंने कॉफी पीने से आनाकानी की तो मुझपर सीनियर होने का दवाब बनाते हुए कॉफी पीने के लिए कहा। मैं वरीय पदाधिकारी के आदेश को नहीं टाल सकती थी इसलिए मुझे कॉफी पीनी पड़ी। कॉफी पीते ही मैं बेहोश हो गई और जब होश आया तब मेरा सबकुछ खत्म हो चूका था। मैं उनके पलंग पर निःवस्त्र थी। मैं अपने आपको इस अवस्था में देखकर रोने लगी।
महिला पुलिस भी सुरक्षित नहीं
आवेदन में महिला दारोगा ने लिखा है कि मुझे बेहोश कर के मेरे साथ उन्होंने गलत काम तो किया ही लेकिन साथ ही साथ उन्होंने अश्लील वीडियो भी बना लिया। अब मुझे वीडियो का हवाला दे दे कर मेरे साथ यौन शोषण करने लगे। मेरे मना करने पर वह उस वीडियो को मेरे पति को दिखा देने की धमकी देने लगे। वह मुझे सस्पेंड करने की भी धमकी देते थे इसलिए उनके इशारों पर घुमने के लिए मैं मजबूर हो गई थी। अपनी नौकरी को बचाने के लिये मैं वह सब झेलने के लिए मजबूर थी।
आवेदन में महिला दारोगा ने लिखा है कि उनके रोजन के इस काम की वजह से मैं गर्भवती हो गई। पीड़िता का कहना है कि 15 सितंबर 2023 को सुदामा सिंह ने मेरे पेट पर इतना जोर से मारा कि मेरा गर्भपात हो गया। उन्होंने कहा कि उस गर्भपात के सारे कागजात मेरे पास उपलब्ध हैं।
महिला पुलिस भी सुरक्षित नहीं
पीड़िता का कहना है कि मेरे साथ गर्भपात करने एवं यौन शोषण का कारण भी यही था कि मैं दबे वर्ग अनुसूचित जाति से हूं। आरोपी थानाध्यक्ष सुदामा प्रसाद सिंह मुझे धमकी देता था कि तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती हो। पीड़िता ने बताया कि जब मैं सुदामा कुमार सिंह को अश्लील वीडियो एवं फोटो डिलीट करने कहती तो वह मुझे नौकरी और जान की धमकी देकर चुप करा देते थे।
पीड़िता ने एससीएसटी थाना और महिला आयोग दोनों से इंसाफ की गुहार लगाई है। एससीएसटी थाना के थानाध्यक्ष राज कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
चंदन कुमार तिवारी की रिपोर्ट