रांची: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में हुए फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए सामाजिक सुरक्षा विभाग की जांच में सामने आया है कि 50 बैंक खातों में 456 लाभुकों के 29.64 लाख रुपये भेज दिए गए। इन खातों में से कुछ पर 96, कुछ पर 90 और कुछ पर 70-80 आवेदन दिए गए थे। विभाग ने इन खातों में पैसे भी भेज दिए।
धोखाधड़ी में शामिल कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) को भी चिह्नित कर लिया गया है। यह फर्जीवाड़ा पलामू और बिहार के किशनगंज के सीएचसी संचालक द्वारा किया गया है। अब फर्जी लाभुकों से पैसे वसूले जाएंगे और एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। डीसी विजया जाधव ने कहा कि जिले में अब तक 11,200 फर्जी आवेदन की पहचान हुई है। इसकी जांच चल रही है। जो भी फर्जी खाते पाए गए हैं, उन पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
जांच में पाया गया कि सुफानी खातून के खाता नंबर पर 94 आवेदन किए गए थे। इनमें चंदनकियारी के 49, कसमार के 20, बेरमो के 12, गोमिया के 7, चास नावाडीह के दो-दो और चास नगर निगम व चंद्रपुरा प्रखंड का एक-एक लाभुक शामिल हैं। सुफानी खातून के नाम पर इंडसइंड बैंक में फर्जी खाता खोला गया है। इसमें सुफानी का पता बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के मोतिविट्टा दर्ज है।
इससे पहले बुधवार को सत्यापन में पाया गया था कि पश्चिम बंगाल के युसूफ के नाम पर खोले गए बैंक खाते पर भी 95 आवेदन किए गए थे। राशन कार्ड नंबर भी गलत था। सभी आवेदनों में उपनाम में मुर्मू, हांसदा और मंडल शब्द जोड़ा गया था। ये सभी आवेदन 1 नवंबर 2024 को किए गए थे।
प्रमुख बिंदु:
- सामाजिक सुरक्षा विभाग की जांच में 50 बैंक खातों का पता चला।
- 456 लाभुकों के 29.64 लाख रुपये भेजे गए।
- धोखाधड़ी में शामिल कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) को चिह्नित किया गया।
- फर्जी लाभुकों से पैसे वसूले जाएंगे और एफआईआर दर्ज की जाएगी।
- डीसी विजया जाधव ने 11,200 फर्जी आवेदनों की पहचान की पुष्टि की।
- फर्जी खातों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया।