औरंगाबाद : बिहार में उर्वरकों की कमी का मुद्दा आज लोकसभा में भी गूंजा. सांसद सुशील कुमार सिंह ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया. उर्वरक के लिए औरंगाबाद के किसान काफी परेशान है. कालाबाजारी में 1200 के बदले 1800 रूपये प्रति बोरी के महंगे दाम पर किसान खाद खरीदने को मजबूर हो रहे हैं.
जब किसान सहकारी संस्थाओं के उर्वरक बिक्री केंद्र पर पहुंचते हैं, तो वहां भी उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. मांग ज्यादा और उपलब्धता कम होने के कारण उर्वरक बिक्री केंद्रों पर सुबह से ही किसानों की भारी भीड़ का लग जाती है. घंटों कतार में लगने के बाद भी किसान जब काउंटर तक पहुंचते हैं तब तक खाद का स्टॉक खत्म हो जाता है. फिर अगले दिन आना और घंटो लाइन में लगना. इसके बाद भी खाद का नहीं मिलना ही इन दिनों किसानों के लिए रोजमर्रा का काम बन गया है.
अब किसानों को खाद खरीदने के लिए खुद के किसान होने का प्रमाण तक देना पड़ रहा है. बिना प्रमाण के खाद खरीदने आ जाने किसानों को बिक्री केंद्र पर अधिकारियों की झाड़ भी सुननी पड़ रही है. इधर कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानो को निर्धारित सरकारी दर पर खाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं. नियंत्रित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के लिए वे उर्वरक बिक्री की दुकानों का भी निरीक्षण कर रहे हैं. वे दुकानदारों को सख्त हिदायत भी दे रहे हैं. इन सबके बावजूद किसानों को खाद सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है.
रिपोर्ट : दीनानाथ
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