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Sunday, October 5, 2025

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Fatwa – डीजे के धुन पर नाचना मुस्लिमों के लिए हराम

जनार्दन सिंह की रिपोर्ट

डिजीटल डेस्क :  Fatwa – डीजे के धुन पर नाचना मुस्लिमों के लिए हराम। चश्म-ए-दारूल इफ्ता बरेली के हेड मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक Fatwa जारी करके कहा है कि डीजे की धुनों पर थिरकना और नाचना मुस्लिमों के लिए हराम है।

इसी क्रम में उन्होंने आगे कहा कि- ‘आजकल कुछ मुस्लिम नौजवान धार्मिक जुलूसों जैसे कि जुलूस-ए-मोहम्मदी और उर्स के दिनों में डीजे का खूब इस्तेमाल करते हैं। और डीजे के गाने बाजे पर नौजवाननात शरीफ की आवाज पर हाथो में रुमाल लेकर लहराते हुए डांस करते हैं। ये तमाम कार्य शरीयत की नजर में नाजायज और हराम हैं’।

मौलाना बोले – गाना-बजाना और नाचना शैतानी अमल, हुल्लड़बाजी नाजायज

आल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष और चश्म ए दारूल इफ्ता बरेली शरीफ़ के हेड मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने यह Fatwa सोशल मीडिया पर भी अपने फेसबुक अकांउट पर जारी किया है। जारी किए गए फतवे के बारे में भी मौलाना शहाबुद्दीन ने विस्तार से बताया।

कहा कि ‘ये Fatwa जिला बहराइच के गांव सैदापुर निवासी निहाल रजा अंसारी की ओर से दारूल इफ्ता से पूछे  गए सवाल पर दिया गया है। शरीयत ने गाने बाजे और डांस वाली चीजों को शैतानी अमल बताया है।

मजहबी जुलूसों में डीजे की आवाज पर थिरकने, रुमाल हवा में लहराने और हुल्लड़-बाजी का चलन बढ़ता जा रहा है, जो सख्त हराम और नाजायज है।

फिर पैग़म्बरे इस्लाम के पाकिजा जुलूस ईद मिलादुन्नबी में इस कबीह फेल (बहुत ग़लत कार्य) का करना, और खुदा के मुक़द्दस वालीयों सुफियों के उर्स में, चादर के जुलूसो में इन शैतानी कामों का करना उसकी बुराई को बढ़ा देता है’।

मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी

Fatwa में धार्मिक जुलूसों में डीजे वालों को शामिल न करने देने की हिदायत

इसी फतवे में मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने आगे कहा है कि – ‘इस तरह के गैर शरई काम करने वाले अपने गुनाहों से तौबा करें। नाजायज और हराम काम से दूरी बनाए रखें।

अगर ऐसे लोग बाज न आए तो मुसलमानों पर लाजीम है कि ऐसे लोगों को हरगीज हरगिज अपने धार्मिक जुलूसों में शिरकत न करने दें। और अगर कोई शख्स बजीद होकर डीजे लेकर आता है तो उसको जुलूस से बाहर कर दें’।

इसी क्रम में मौलाना शहाबुद्दीन ने एक अलग बयान में कहा कि ‘जुलूस- ए- मोहम्मदी बहुत पाकीजा और सफाई और सुथराई वाला दिन है। उस दिन पूरी दुनिया को पैग़म्बर –ए- इस्लाम के अमन व शांति वाले पैगाम को दुनिया के सामने पहुंचाया जाना चाहिए। कोई भी कार्य ऐसा न करें जो नाजायज व हराम हो और उनके काम से पैग़म्बरे इस्लाम नाराज हो। हमें कयामत के दिन खुदा व रसूल को मुंह दिखाना है’।

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