डिजिटल डेस्क : CM Yogi ने बरेली में गाय, गंगा और दंगा का जिक्र कर सपा पर बोला सियासी हमला। CM Yogi आदित्यनाथ ने मंगलवार को बरेली में गाय, गंगा और दंगा का जिक्र कर सपा पर अपने ही अंदाज में जमकर सियासी हमला बोला।
Highlights
CM Yogi ने कहा कि – ‘…बरेली दंगा सिटी नहीं, अब यह स्मार्ट सिटी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। 2017 से पहले बरेली में 5-7 दंगे आम बात थी, लेकिन पिछले 8 साल में एक भी दंगा नहीं हुआ।
…बरेली में अब दंगा नहीं, सब चंगा है। दंगाई जानते हैं कि दंगा करने की हिम्मत करने वालों की संपत्ति जब्त कर गरीबों में बांट दी जाएगी।
…बरेली में अब निवेश का माहौल बन रहा है। डेयरी, मेडिकल और अन्य उद्योगों में निवेश हो रहा है, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं।’
‘गोमाता के गोबर में सपा को आती है दुर्गंध…’
इसी क्रम में CM Yogi ने आगे कहा कि- ‘…सपा ने गोवंश को लावारिस छोड़ दिया था। सपा के मुखिया कहते हैं कि गोबर से दुर्गंध आती है। …यही इनकी असलियत है।
…ये गोमाता को कसाइयों के हवाले करते थे। हमने कसाइयों को जहन्नुम भेजा, तो सपा को परेशानी हुई। जिनके गो तस्करों के साथ और कसाइयों के साथ जिनके संबंध थे, वे गोमाता की सेवा क्या जानें, उनको गोमाता के गोबर में दुर्गंध ही आएगी।
…उन्हें अपने कृत्यों में दुर्गंध नजर नहीं आती है। गो और गंगा भारत की परंपरा का हिस्सा हैं। नमामि गंगे परियोजना से गंगा निर्मल हुई, जिसके चलते प्रयागराज में भव्य कुंभ का आयोजन हुआ और 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
… 2017 के पहले की क्या स्थिति थी ? उस समय बेसिक शिक्षा परिषद की हालत खराब थी। स्कूलों में टॉयलेट, पेयजल, फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं थीं। एक करोड़ 34 लाख बच्चों का नामांकन था, लेकिन 60 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जाते थे।
…आज ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 96 प्रतिशत स्कूलों में टॉयलेट, पेयजल, फ्लोरिंग, स्मार्ट क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी की व्यवस्था हो चुकी है।
…पिछले साल एक करोड़ 91 लाख बच्चों को डीबीटी के जरिए 1200 रुपये प्रति बच्चा उनके अभिभावकों के खाते में भेजे गए। …बच्चों को दो यूनिफॉर्म, बैग, किताबें, जूते, मोजे और स्वेटर भी दिए जा रहे हैं, जिससे बच्चों में स्कूल जाने की उत्सुकता बढ़ी है।’

CM Yogi बोले – शिक्षा समाज की आधारशिला
इससे पहले CM Yogi आदित्यनाथ ने मंगलवार को बरेली में 933 करोड़ रुपये की 132 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। साथ ही CM Yogi ने पूरे प्रदेश के लिए ‘स्कूल चलो अभियान’ की शुरुआत की।
इसके अलावा CM Yogi ने ‘विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया। साथ ही CM Yogi ने अत्याधुनिक जीवन रक्षक सुविधाओं से लैस 2554 नई एंबुलेंस का फ्लैग ऑफ किया।
फिर जनसभा को संबोधित करते हुए CM Yogi ने कहा कि – ‘…शिक्षा समाज की आधारशिला है। नया शैक्षिक सत्र शुरू हो रहा है। उत्तर प्रदेश के लोगों से आह्वान करता हूं कि इस अभियान से जुड़ें और सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहे।
…यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है। अगर कोई बच्चा शिक्षा से वंचित रहता है, तो यह समाज और राष्ट्र के लिए चुनौती बन जाता है। …पीएम श्री योजना के तहत 1500 विद्यालयों का कायाकल्प किया जा रहा है।
…कस्तूरबा गांधी विद्यालयों को 8वीं से 12वीं तक गरीब कन्याओं की शिक्षा का केंद्र बनाया जा रहा है। बरेली के नवाबगंज में अटल आवासीय विद्यालय श्रमिकों के बच्चों के लिए उत्तम शिक्षा का केंद्र बनेगा।
…इसी तर्ज पर बेसिक शिक्षा परिषद ने भी हर जनपद में मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय को प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में 57 जनपदों में जहां पर अटल आवासीय विद्यालय नहीं खोले गए हैं, वहां पर यह मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय प्रारंभ होने जा रहे हैं।
…पहले चरण में जनपद स्तर पर दूसरे चरण में तहसील स्तर, तीसरे चरण में विकासखंड स्तर पर और चौथे चरण में न्याय पंचायत स्तर पर कंपोजिट विद्यालय खोलेंगे।
…प्री प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक यानी नर्सरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा बच्चों को एक ही कैंपस में मिल सके, खेलकूद की व्यवस्था हो, स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्था हो, पूरे शिक्षक हों, शिक्षकों के लिए आवासीय व्यवस्था हो, इस कार्यक्रम को लेकर हम इस अभियान को लेकर बढ़ने जा रहे हैं।’

‘बरेली को पिछली सरकारों ने झुमका से जोड़ा, हमने नाथ कॉरिडोर से…’
बिना सपा, बसपा और कांग्रेस का नाम लिए ही CM Yogi आदित्यनाथ ने आगे अपने संबोधन में सबको लपेटा। CM Yogi ने कहा कि – ‘…पिछली सरकारों ने बरेली की पहचान को झुमका के साथ जोड़ा था। हमने बरेली को नाथ कॉरिडोर देकर नाथ नगरी को उसकी पौराणिक पहचान दिलाने का काम किया है।
…बरेली, बदायूं और पीलीभीत जैसे जिलों में मलेरिया और डेंगू को रोकने के लिए जलजमाव को खत्म करने, छिड़काव और लार्वा को नष्ट करने के उपाय किए जा रहे हैं। आशा वर्कर और एएनएम घर-घर जाकर स्क्रीनिंग और जागरूकता अभियान चलाएंगे।
…पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस, बरेली मंडल में मलेरिया, आगरा में डेंगू, वाराणसी में कालाजार और झांसी में चिकनगुनिया जैसी बीमारियां चुनौती रही हैं। पिछले 8 वर्षों में डबल इंजन सरकार ने इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया है, जिसके चलते गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में बच्चों की मौतें रुक गई हैं।
…मलेरिया भी लगभग नियंत्रित हो चुका है, लेकिन इसे जड़ से खत्म करने के लिए जागरूकता और अभियान चलाए जा रहे हैं। 2017 से पहले 108 एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम 17-19 मिनट था, जो अब सात मिनट तक आ गया है। इन नई एंबुलेंस से रिस्पांस टाइम और कम होगा।

…1947 से 2017 तक केवल उत्तर प्रदेश में 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन पिछले 8 साल में 44 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज बने हैं। अब प्रदेश में 80 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं, जिसमें 36 से ज्यादा निजी क्षेत्र में हैं।
…हर जिले में डायलिसिस, सीटी स्कैन और टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड जारी करने वाला राज्य बन गया है, जिसके तहत 10 करोड़ लोगों को हर साल 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है।
…प्रदेश में 7700 से अधिक निराश्रित गोआश्रय स्थल खोले गए हैं, जहां 14 लाख गोवंश की देखभाल सरकार कर रही है। शेष गोवंश को अन्नदाता किसानों को सौंपा गया है।
…हर गोवंश के लिए किसानों को 1500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। चार गोवंश रखने वाले किसान को 6000 रुपये मासिक अनुदान मिलता है। इससे गोमाता की सेवा का पुण्य भी मिलता है और आर्थिक लाभ भी।’
इस दौरान कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह, डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, जेपीएस राठौर, बरेली महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, आंवला जिलाध्यक्ष आदेश प्रताप सिंह आदि मंच पर मौजूद रहे।