रांची: झारखंड के ग्रामीण कार्य विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर रहे बीरेंद्र राम की जब्त की गई कार से अज्ञात चोरों ने पार्ट्स चोरी कर लिए। यह वही कार है, जो ठेकेदार राजेश कुमार सिंह उर्फ बबलू सिंह के नाम पर है और जिसे बीरेंद्र राम नियमित रूप से उपयोग में लाते थे। ईडी ने टेंडर कमीशन घोटाले में कार्रवाई करते हुए इस कार को फरवरी 2023 में जब्त किया था।
Highlights
कार से उड़ गए इंजन से लेकर दरवाजे तक के हिस्से
यह कार राजधानी रांची के सर्किट हाउस क्षेत्र स्थित बीरेंद्र राम के सरकारी आवास में खड़ी थी, जिसे ईडी ने छापेमारी के बाद सील कर दिया था। कार पर केस संबंधित सूचना भी चस्पा थी। लेकिन अब कार से इंजन, दरवाजे, बोनट तक गायब हैं। सिर्फ चेसिस ही शेष रह गया है। कार का अगला हिस्सा पूरी तरह नदारद है और एक टायर पास में जमीन पर पड़ा हुआ मिला।
कैसे हुई चोरी?
पड़ताल में सामने आया कि आवास का मुख्य गेट महज ढाई फीट ऊंचा है, जबकि चहारदीवारी छह फीट की है। उस पर लगा हरा पर्दा भी नदारद है, जिससे चोरी की गतिविधियां बाहर से स्पष्ट दिखती हैं। आवासीय परिसर में कचरा फैला हुआ है। बाहर से गुजरने वाले टेंपो चालकों ने बताया कि उन्होंने किसी को अंदर जाते नहीं देखा, जिससे अंदेशा है कि चोरी रात के समय हुई।
ईडी की कार्रवाई और बीरेंद्र राम की गिरफ्तारी
21 फरवरी 2023 को ईडी ने टेंडर घोटाले में बीरेंद्र राम के 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान बड़ी मात्रा में नकदी, आभूषण और लग्जरी गाड़ियां जब्त की गईं। इसके बाद 22 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और सरकारी आवास सील कर दिया गया था। बबलू सिंह से भी ईडी ने पूछताछ की थी, क्योंकि कार उन्हीं के नाम पर दर्ज है।
जमानत के बाद बहाली, पर पोस्टिंग अब तक नहीं
करीब 21 महीने जेल में रहने के बाद बीरेंद्र राम को एक महीने पहले जमानत मिली थी। इसके बाद उन्हें निलंबनमुक्त कर विभाग में योगदान की अनुमति दी गई, हालांकि अभी तक उनकी नई पोस्टिंग तय नहीं हुई है।
ईडी द्वारा जब्त की गई संपत्ति की सुरक्षा पर यह घटना गंभीर सवाल खड़े करती है। सरकारी आवास में रखी गई जब्त संपत्ति में सेंध लगना, वह भी राजधानी जैसे संवेदनशील इलाके में, प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि चोरी की इस घटना की जिम्मेदारी कौन लेगा और जांच कहां तक पहुंचेगी।