Wednesday, June 25, 2025

Latest News

Related Posts

Prayagraj की तर्ज पर बिहार में होगी गंगा नदी की सफाई, पटना और सिमरिया में…

प्रयागराज (Prayagraj) महाकुंभ के स्वच्छता अभियान में बिहार के लिए सबक। त्रिवेणी संगम में गंगा और यमुना की स्वच्छता के लिए ट्रैश स्किमर्स और आधुनिक तकनीक का उपयोग, प्रतिदिन 10 से 15 टन तैरता कचरा एकत्र कर पुनर्चक्रण के लिए भेजा गया। पटना में गंगा से गाद हटाने और सिमरिया में नदी एवं घाट की सफाई के लिए चलाया जा सकता है ऐसा अभियान

पटना: प्रयागराज (Prayagraj) में महाकुंभ के आयोजन से पहले गंगा की तीन अलग-अलग धाराओं को एक साथ मिलाया गया, ताकि श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए महाकुंभ 2025 के दौरान नदी से प्रतिदिन 10 से 15 टन तैरता कचरा एकत्र कर पुनर्चक्रण के लिए भेजा गया। स्वच्छता की यह पहल बिहार के लिए भी महत्वपूर्ण सीख हो सकती है, जहां गंगा में गाद की समस्या निरंतर गंभीर रूप धारण कर रही है।

प्रयागराज (Prayagraj) महाकुंभ 2025 के दौरान प्रतिदिन करोड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम स्थल में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान त्रिवेणी संगम में श्रद्धालुओं द्वारा प्रवाहित फूल, पत्तियां, नारियल, बोतल जैसी पूजन सामग्रियों को हटा कर नदी की स्वच्छता को बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती थी। सबसे गंभीर चिंता प्लास्टिक कचरे को लेकर थी, जिसमें प्लास्टिक की बोतलें, खाने-पीने की पैकेजिंग एवं अन्य प्लास्टिक अपशिष्ट शामिल हैं। ये प्लास्टिक कचरे जल स्रोतों में हजारों वर्षों तक बने रहते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं।

Prayagraj महाकुंभ के लिए झारखंड होकर गुजरने वाली एक दर्जन ट्रेनों में 23 तक लगेगी अतिरिक्त बोगी

इस चुनौती से निपटने के लिए Prayagraj में उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर क्लीनटेक इन्फ्रा द्वारा एक व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें आधुनिक तकनीक और ट्रैश स्किमर्स की मदद ली गई। इस अभियान के तहत नदी से प्रतिदिन 10 से 15 टन तैरता कचरा एकत्र कर पुनर्चक्रण के लिए भेजा गया। श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए यह प्रयास किया गया कि केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक कचरे को ही हटाया जाए। यह पहल घाटों और मेला क्षेत्र में प्रतिदिन एकत्र हुए सैकड़ों टन ठोस कचरे के निपटान से अलग थी।

CM Yogi ने महाकुंभ मेला स्थल पर शुरू की सफाई, किया संगम का पूजन

उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर क्लीनटेक इन्फ्रा द्वारा त्रिवेणी संगम क्षेत्र में दो आधुनिक ट्रैश स्किमर्स तैनात किए गए हैं, जिनसे आम दिनों में प्रतिदिन 10 से 15 टन तैरता कचरा एकत्र किया गया, जबकि माघी पूर्णिमा जैसे विशेष अवसरों पर यह मात्रा 20 से 25 टन तक पहुंच गई। क्लीनटेक इन्फ्रा के प्रबंध निदेशक एवं सह-संस्थापक गौरव चोपड़ा के मुताबिक ‘Prayagraj महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में कचरा प्रबंधन के लिए तकनीकी नवाचार और कुशल योजना की आवश्यकता होती है।

Prayagraj में गंगा सफाई के लिए योगी मॉडल बेहतरीन

हमें गर्व है कि इस अभियान में हमने भूमिका निभाई और पवित्र गंगा नदी की स्वच्छता बनाए रखने में योगदान दिया। हमें खुशी है कि हमारा यह स्वच्छता अभियान ‘नमामि गंगे’ पहल के जरिये गंगा की स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप देने के आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के अनुरूप है।‘ जल विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के प्रयासों को अन्य स्थानों पर भी अपनाने योग्य मॉडल के रूप में अध्ययन किया जाना चाहिए।

बिहार में भी गंगा नदी में गाद की समस्या निरंतर गंभीर रूप ले रही है। राजधानी पटना तक में गंगा के बीच उगे टीले नदी को कई धाराओं में विभाजित करते हैं। उन टीलों को हटा कर गंगा की अविरलता सुनिश्चित की जा सकती है। यह स्थिति राज्य में कई स्थानों पर देखी जा सकती है। नदी के बीच उगे टीलों से पैदा हुए अवरोध की वजह से गंगा नदी अक्सर प्रवाह मार्ग बदलती है, जिससे बड़े क्षेत्र में कटाव की स्थिति उत्पन्न होती है और कटाव रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं।

Prayagraj महाकुंभ को दी थी उड़ाने की धमकी, यूपी पुलिस ने युवक को दबोचा

ऐसे में प्रवाह मार्ग में ड्रेजिंग (गाद हटाने की प्रक्रिया) से गंगा की अविरलता सुनिश्चित कर न केवल कटाव की संभावना को, बल्कि बाढ़ के प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। इसके अलावा उत्तरवाहिनी गंगा तट पर स्थित और देश के 12 अर्धकुंभ स्थलों में शुमार सिमरिया धाम में प्रतिवर्ष कार्तिक मास में लगने वाले राजकीय मलमास मेले के साथ-साथ वर्ष 2011 में अर्द्धकुंभ, वर्ष 2017 में पूर्ण कुंभ और वर्ष 2023 में अर्धकुंभ का आयोजन हो चुका है।

इस दौरान यहां पूरे देश के श्रद्धालुओं के साथ-साथ नेपाल, भूटान, रूस समेत कई देशों के पर्यटक भी पहुंचे। वर्ष 2029 में यहां पुन: पूर्ण कुंभ का आयोजन होने की संभावना है। ऐसे में सिमरिया में गंगा नदी और घाट की सफाई के लिए इस तरह का स्वच्छता अभियान चले तो श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ-साथ गंगा की अविरलता, स्वच्छता और निर्मलता बरकरार रखी जा सकती है। इस तरह प्रयागराज (Prayagraj) महाकुंभ का आधुनिक कचरा प्रबंधन बिहार के लिए भी एक आदर्श मॉडल साबित हो सकता है।

https://www.youtube.com/@22scopestate/videos

यह भी पढ़ें-  मुजफ्फरपुर में विजय कुमार सिन्हा ने कहा- जनता की सेवा करने के लिए हुआ कैबिनेट विस्तार…

पटना से विवेक रंजन की रिपोर्ट

Loading Live TV...

📍 लोकेशन और मौसम लोड हो रहा है...