थाना प्रभारी का इनकार, कहा कि पूछताछ के लिए लाया गया था थाना
latehar– गारु थाना प्रभारी रंजीत कुमार यादव पर नक्सलियों को सहयोग करने के आरोप
में 42 वर्षीय आदिवासी किसान की पिटाई करने का आरोप लगा है.
पीड़ित किसान अनिल सिंह का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है, उसके शरीर पर कई गंभीर जख्म है.
बताया जा रहा है कि बुधवार की रात तकरीबन एक बजे गारु थाना प्रभारी रंजीत कुमार यादव ने पीड़ित किसान के
घर का दरवाजा खुलवाया, उसके बाद आदिवासी किसान अनिल सिंह पर नक्सलियों की मदद करने का आरोप लगाने लगाया.
जब अनिल सिंह ने इसकी मुखालफत की तो थाना प्रभारी आग बबूला हो गया, उसके बाद लाठी डंडे की पिटाई की जाने लगी.
पीड़ित किसान अनिल सिंह का कहना है कि थाना प्रभारी ने कम से कम तीन सौ लाठी उस पर चलाया उसके बाद
उसे थाना लाया गया. लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो थाना प्रभारी ने कहा कि गलती हो गयी,
तुम्हारे इलाज के लिए पैसा दिया जा रहा है , तुम अपना इलाज करवा लो.
इस मामले में थाना प्रभारी का कहना है कि अनिल सिंह को थाना तो जरुर लाया गया था,
लेकिन उसकी पिटाई की बात गलत है. कुछ मामलों में पूछताछ कर उसे छोड़ दिया गया था.
एसी ने दिया कार्रवाई का भरोशा
लातेहार एसपी अंजनी अंजन इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है. इस बीच पूर्व विधायक प्रकाश राम
ने आरोपी दरोगा के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है. पुलिस की कार्रवाई को अमानवीय बताया है.
बता दें कि इसी प्रखंड में एक निर्दोष आदिवासी ब्रह्मदेव सिंह की हत्या का आरोप सुरक्षा बलों पर लगा था.
एक नक्सल सर्च ऑपरेशन के दौरान उसे गोली मारी गयी थी.
पांचवी अनुसूची का क्षेत्र में पुलिस कार्रवाई के पहले ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य
इस मामले में झारखंड जनाधिकार महासभा ने थाना प्रभारी रंजीत कुमार यादव के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते
हुए कहा कि पुलिस नक्सलियों की आड़ में ग्रामीणों को प्रताड़ित करना बंद करे. वैसे भी यह पांचवी अनुसूची क्षेत्र है,
यहां किसी भी पुलिस कार्रवाई के पहले ग्राम सभा और पारम्परिक प्रधानों की अनुमति अनिवार्य है.