गोड्डा: जिले के महागामा प्रखंड स्थित बलिया चौक में करमा पूजा में जावा उठाया गया. जहां इस परंपरा को बेहद खास माना जाता है. साथ ही साथ लोकगीत की गूंज के साथ 7 दिनों तक धूमधाम से मनेगा प्रकृति पर्व. जावा उठाने के साथ झारखंड का दूसरे सबसे बड़ा पर्व करमा पूजा का आगाज हो गया है.
7 दिनों तक गांव में करमा और जावा गीत की होगी गूंज
अब 7 दिनों तक करमा की धूम होगी. गांवों में करमा और जावा गीत की गूंज होगी. यूं तो करम पर्व भाद्र मास के एकादशी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन इसका उल्लास 5 से 7 दिन पहले ही शुरू हो जाता है. इस बार करमा पूजा 25 सितंबर को मनाया जाएगा.
भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है करम पर्व
करम पर्व प्रकृति की पूजा है, लेकिन इसे भाई-बहन के प्यार के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. बहनों ने आज जावा उठाया है और इसी के साथ करमा के गीत गूंजने लगे हैं. करमा पूजा के ठीक सात दिन पहले गांव की युवतियां एक साथ सुबह-सुबह नदी या तालाब जाती हैं.
अपने साथ वे बांस की नई टोकरी यानी छोटी डलिया और पूजा के सामान लेकर जाती हैं. तालाब में स्नान करने के बाद युवतियां उसी टोकरी में नदी तालाब से बालू उठाती है. फिर इस बालू में वे वभिन्न प्रकार के बीच जैसे गेहूं, मकई, जौ, चना, धान आदि की बुआई करती हैं और पूजा करती हैं. इसे ही जावा उठाना कहते हैं.