पटना: बिहार में BPSC की 70वीं संयुक्त परीक्षा रद्द करने की मांग अब एक बड़ा मुद्दा बन गया है। एक तरफ जहां विपक्षी पार्टियां आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों को समर्थन देते हुए राज्य सरकार पर कई आरोप लगा रही है तो दूसरी तरफ सत्तारूढ़ दल के नेता सरकार को सजग बताते हुए अभ्यर्थियों के हित में फैसला लेने की बात कर रहे हैं। रविवार की देर शाम राजधानी पटना में गांधी मैदान के समीप प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज का मामला लगातार गर्म होता जा रहा है और राजनीतिक दलों में बयानबाजी शुरू हो गई है।
इसी कड़ी में लोजपा(रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है। चिराग ने अभ्यर्थियों से शांति कायम रखने की अपील करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री खुद इस मामले में सजग हैं और वे कुछ अच्छा निर्णय लेंगे तो दूसरी तरफ उन्होंने लाठीचार्ज को लेकर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की भी मांग की।
सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर चिराग पासवान ने लिखा है कि ‘बिहार के युवाओं और BPSC अभ्यर्थियों के मुद्दों को लेकर एनडीए सरकार के प्रमुख सहयोगी होने के नाते मैंने बिहार सरकार और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार की ओर से मुख्य सचिव (जो सरकार के सबसे बड़े अधिकारी होते है) ने अभ्यर्थियों और छात्रों के साथ संवाद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही इस पहल के सार्थक परिणाम दिखेंगे। यह हमारी सरकार की सकारात्मक सोच और छात्रों के प्रति संवेदनशीलता का परिणाम है।
मैं अभ्यर्थियों से भी अपील करता हूं कि वे शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीके से अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखें और किसी भी राजनीतिक व्यक्तियों के बहकावे में आने से बचें। यह मुद्दा पूर्ण रूपेण युवाओं के भविष्य और बिहार के विकास से जुड़ा है, जिसे राजनीति से ऊपर रखकर हल किया जाना चाहिए। हमारी पार्टी हर कदम पर युवाओं के साथ खड़ी है। कुछ राजनीतिक व्यक्ति और दल जो छात्रों को भटकाने का काम कर रहें है , ये गलत है। अपने राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों का इस्तेमाल करना कतई उचित नहीं है।
माननीय मुख्यमंत्री जी स्वयं इस मामले को लेकर सजग है, सरकार छात्रों की हर संभव मदद के लिए प्रयासरत है। कल पटना में हुए छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल का मैं कभी समर्थक नहीं रहा , पुलिस को संयम बरतना चाहिए। छात्र अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे है तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से समझा कर उनकी समस्याओं के निदान के लिए प्रयास करना चाहिए , न कि लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल। मैंने मुख्यमंत्री जी से इस बात को भी कहा है कि ऐसे पुलिस अधिकारी जो ऐसे कार्यों में संलिप्त पाए जाते है उनपर भी कानून कार्रवाई की जानी चाहिए।
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पटना से विवेक रंजन की रिपोर्ट
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