पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावना, लेकिन नहीं हुआ काम

Ranchi-राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं वाला झारखंड पर्यटन

एवं पर्यटकीय सुविधाओं (Tourism Facilities) की दृष्टिकोण से काफी पिछड़ा हुआ है,

इसकी वजह विजन की कमी है।

झारखंड नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण है, लेकिन देश के लोगों को यहाँ के पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी नहीं है।

पर्यटन स्थलों में आधारभूत संरचनाएं तक नहीं है। अधिकारियों को पर्यटन के क्षेत्र में रुचि लेकर कार्य करना होगा।

पर्यटक कुछ दिन के लिए झारखंड आते हैं और पर्यटन स्थल का भ्रमण करना चाहते हैं,

लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं होती है।

पर्यटन के क्षेत्र में झारखंड में है अपार संभावना

राज्यपाल ने कहा कि पहले भी टूरिस्ट सर्किट और पेम्पलेट बनाने का निदेश दिया गया था,

लेकिन आज तक इसे पूरा नहीं किया.

बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ० नितिन कुलकर्णी, सचिव, पर्यटन, कला-संस्कृति,

खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग श्री मनोज कुमार एवं विभाग के अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।

मलूटी में जीर्णोद्धार कार्य देख कर पीड़ा हुई

राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने मलूटी जाकर जीर्णोद्धार कार्य को देखा और कार्य देखकर काफी पीड़ा हुई.

विश्व में टेरेकोटा के इस प्रकार के मंदिरों की शृंखला नहीं होगी,

लेकिन जीर्णोद्धार कार्य बिल्कुल भी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रहा है।

जिस स्वरूप में मंदिर था,

जीर्णोद्धार के तहत उसी स्वरूप में लाने का प्रयास होना चाहिए,

टेरेकोटा में ही कार्य हो, यह सुनिश्चित करें।

उन्होंने इन मंदिरों के रख-रखाव नहीं होने पर चिंता व्यक्त की

और कहा कि ऐसा लगता है कि इनका देख-रेख यथास्थिति में छोड़ दिया गया है।

एक साल में एक परियोजना तो बदल जाती किस्मत

राज्यपाल ने विभागीय अधिकारियों से विभाग द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी माँगते हुए कहा

कि एक साल में एक ही परियोजना को ठीक से पूरा किया होता

तो अभी तक राज्य बनने के बाद 21 पर्यटन स्थल विकसित हो सकते थे।

परियोजनाओं की घोषणा तो बहुत होती हैं, लेकिन काम नहीं हो पाता है।

आज बहुत से ऐसे देश हैं जहां प्राकृतिक सौंदर्यता नहीं है,

लेकिन कृत्रिम सौंदर्यता विकसित कर पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं,

वहीं नैसर्गिक सुषमा से सुशोभित झारखंड प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में इतना पीछे है।

यहाँ साहिबगंज में फॉसिल्स (Fossils) तक मौजूद है,

लेकिन लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं है।

उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पूर्व में भी कहा गया कि

पर्यटन विकास के लिए राशि की चिंता न करें,

सिर्फ प्रस्ताव दें। उन्होंने समयबद्ध तरीके से कार्य करने की आवश्यकता बताई।

उन्होंने बाबाधाम मंदिर, देवघर को विकसित करने पर भी चर्चा की।

झारखंड जनता दल का जदयू विलय-गौतम सागर राणा

Share with family and friends: