Hazaribagh – हजारीबाग जिला के चुरचू प्रखंड क्षेत्र में विगत कई वर्षों में हाथियों का आतंक से बचाव को लेकर स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। हर वर्ष हाथियों के आतंक से सैकड़ों लोग प्रभावित हो रहे है। कई जानें भी जा रही है। वन विभाग और प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है लेकिन जान-माल का नुकसान कभी थमा नहीं है। हाथियों के हमले से मकान, फसल एवं भंडारित अनाज के रूप में ग्रामीणों की नुकसान झेलना पड़ रहा है।
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बीते कुछ दिनों से प्रखंड क्षेत्र के बालीडीह गोंदवार व अन्य गांव में दर्जनों हाथियों का आतंक जारी है। बतातें चले कि दिन में तो हाथी जंगल की ओर चले जाते हैं लेकिन रात होते ही हाथियों का आगमन गांव की ओर हो जाता है। हाथियों ने कई लोगों के कच्चे घरों को नुकसान पहुंचाया है तो कई के फसल को रौंद डाला है। वही हाथियों के आतंक से लोगों के बीच दहशत का माहौल है।
वन विभाग है नदारद
कई बार ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी लेकिन हाथी के झुंड को भागने का सभी प्रयास असफल नजर आ रहे हैं। सरकार नुकसान एवं अनुग्रह राशि के रूप में पीड़ितों को मदद तो करती है लेकिन कागजी कार्रवाई पूरा करने में काफी समय लग जाता है। जिससे लोगों को महीनों न केवल सर छुपाने के लिए सोचना पड़ता है, बल्कि दो वक्त की रोटी तलाशना भी पहाड़ लगता है।
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जंगलों एवं पहाड़ों के गोद में बसे प्रखंडवासियों को सालों भर जंगली जानवर हाथी एवं भालू के आतंक के साए में जीना पड़ता है। ग्रामीणों की मानें तो हाथी प्रखंड के कुछ क्षेत्रों में स्थायी आश्रय बना चुके हैं। वे भोजन की तलाश में ही गांवों एवं बस्तियों की ओर आ धमकते हैं। इसी क्रम में वे जान-माल का नुकसान पहुंचाते हैं।