हजारीबाग भूमि घोटाला केस में एसीबी अब कारोबारी विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह से पूछताछ करेगी। IAS विनय चौबे पर भी जांच की आंच तेज हुई।
Hazaribagh Land Scam : झारखंड के चर्चित हजारीबाग भूमि घोटाला मामले में एसीबी (Anti Corruption Bureau) की जांच का दायरा और बढ़ गया है। गिरफ्तार ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह से भी अब पूछताछ की जाएगी। एसीबी ने उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है।
मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, एसीबी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में स्निग्धा सिंह को सह-आरोपी बनाया गया है, क्योंकि जिस जमीन को लेकर यह मामला दर्ज हुआ है, वह विनय सिंह और स्निग्धा सिंह के संयुक्त नाम पर है।
Hazaribagh Land Scam: IAS विनय चौबे से भी जुड़ा मामला
इस भूमि घोटाले में झारखंड के आईएएस अधिकारी विनय चौबे का नाम भी सामने आया है। बताया जाता है कि विनय सिंह उनके करीबी हैं।
जब यह घोटाला हुआ था, उस वक्त विनय चौबे हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त थे। उसी दौरान कथित तौर पर गैर मजरुआ खास वन भूमि को गलत तरीके से निजी व्यक्तियों के नाम पर जमाबंदी कराया गया था।
एसीबी का आरोप है कि यह पूरा मामला आपराधिक साजिश के तहत किया गया था, जिसमें प्रशासनिक पद का दुरुपयोग हुआ।
Key Highlights:
हजारीबाग भूमि घोटाला मामले में एसीबी अब स्निग्धा सिंह से भी पूछताछ करेगी।
आरोपी कारोबारी विनय सिंह की पत्नी को एसीबी ने नोटिस भेजा।
घोटाले में IAS विनय चौबे भी आरोपी, विनय सिंह उनके करीबी बताए जाते हैं।
वन भूमि को गलत तरीके से निजी नाम पर जमाबंदी कराने का आरोप।
घोटाले के वक्त विनय चौबे हजारीबाग के उपायुक्त थे।
विनय चौबे और विनय सिंह दोनों वर्तमान में जेल में बंद हैं।
Hazaribagh Land Scam: गिरफ्तारी और जेल में बंद आरोपी
एसीबी पहले ही विनय चौबे और विनय सिंह दोनों को गिरफ्तार कर चुकी है। फिलहाल दोनों हजारीबाग जेल में बंद हैं।
जांच एजेंसी अब इस साजिश में स्निग्धा सिंह की भूमिका को लेकर पूछताछ करने जा रही है। एसीबी को शक है कि जमीन की खरीद-बिक्री और जमाबंदी प्रक्रिया में उनकी सीधी जानकारी या सहमति शामिल थी।
Hazaribagh Land Scam: वन भूमि घोटाले का मामला क्या है?
यह मामला उस समय का है जब हजारीबाग में कई एकड़ गैर मजरुआ खास वन भूमि को निजी व्यक्तियों के नाम पर दर्ज करा दिया गया था। यह काम सरकारी नियमों की अनदेखी कर किया गया।
बाद में जांच में सामने आया कि इस पूरी प्रक्रिया में भूमि दस्तावेजों से लेकर रजिस्ट्रेशन और जमाबंदी रिकॉर्ड तक में कई गड़बड़ियां की गईं।
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