Hazaribagh: बड़कागांव प्रखंड के एक विस्थापित भीम कुमार प्रजापति ने ऑनलाइन गेम के जाल में फंसकर तीन करोड़ रुपये गंवा दिए। जमीन मकान और विस्थापन के रूप में एनटीपीसी से उसे दो करोड़ रुपये मुआवजा मिला था। मार्केट के 30 लोगों से उसने एक करोड़ रुपये कर्ज लिया था। इस तरह उसने तीन करोड़ रुपए ऑनलाइन जुए में हार गए।
Hazaribagh: मुख्यमंत्री से लगा रहा है गुहार
अब उसकी स्थिति बद से बद्तर हो गई है, जिससे वह कर्ज लिया था, वे इसे तलाश कर रहे हैं। आलम यह है कि वह लोगों से बचता फिरता भाग रहा है। उस पर दबाव इस तरह बड़ा है कि वह हजारीबाग एसपी कार्यालय भी आवेदन लेकर पहुंचा और मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहा है कि उसे कुछ दिनों की मोहलत दिला दें। वह जल्द ही पैसा वापस कर देगा।
Hazaribagh: ऑनलाइन गेम के चक्कर में डूबे 3 करोड़ रुपये
भीम कुमार प्रजापति बड़कागांव प्रखंड के चुरचू गांव का रहने वाला है। एनटीपीसी की पकरी बरवाडीह कोयला परियोजना इन्हीं लोगों की जमीन पर संचालित है। 7 एकड़ जमीन एनटीपीसी ने इन लोगों का अधिकृत किया था। ऐसे में बड़ी रकम एनटीपीसी से मिली और लोगों से एनटीपीसी के नाम पर उसने एक करोड रुपए से अधिक उधार ले लिया है। वह बताता है कि 2022 से उसे ऑनलाइन गेम खेलने की लत पड़ी। प्रारंभिक दौर में 20 लाख 30 लाख रुपये तक जीता और इसके बाद धीरे-धीरे हारता चला गया। अब 3 करोड़ रुपये गंवा चुका है। उसका कहना है कि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन गेम के चक्कर में ना पड़े। ऑनलाइन गेम बर्बाद कर देता है।
Hazaribagh: ऑनलाइन गेम भारत में बैन
हजारीबाग के एडिशनल एसपी अमित कुमार भी कहते हैं कि ऑनलाइन गेम को भारत सरकार ने बैन कर दिया है। ऑनलाइन गेम एक बहुत ही बुरी लत है। जिसने कई घर को बर्बाद कर दिया है। हजारीबाग से भी कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जो ऑनलाइन गेम के संचालक थे। उन्होंने कहा कि भारत में ऑनलाइन गेम बैन है। गलती से भी इसके चक्कर में ना पड़े।
ऑनलाइन गेम ने भीम कुमार प्रजापति को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है। दबाव इस तरह है कि वह त्रिवेणी सैनिक कंपनी में नौकरी करता है, वहां भी नहीं जा पा रहा है। इससे लोगों को सीख लेने की जरूरत है कि कभी भी ऑनलाइन गेम के काला बाजार की दुनिया में नहीं फंसे।
शशांक शेखर की रिपोर्ट
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