NEET UG पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI बोले- ‘परीक्षा रद्द करना अंतिम उपाय होना चाहिए’

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NEET UG: पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। सुनवाई करते हुए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने पूछा लीक के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए हैं? छात्र कहां हैं? 23 जून को 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा हो चुकी है। क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों की तलाश कर रहे हैं? क्या हम छात्रों का पता लगा पा रहे हैं? परीक्षा रद्द करना अंतिम उपाय होना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत से छात्र शामिल हैं।

NEET UG मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है। यह एक स्वीकार्य तथ्य है कि लीक हुआ है। हम केवल यह पूछ रहे हैं कि लीक से क्या फर्क हुआ है? हम 23 लाख छात्रों के जीवन से निपट रहे हैं। यह 23 लाख छात्रों की चिंता है, जिन्होंने परीक्षा की तैयारी की है, कई ने पेपर देने के लिए काफी ट्रैवल भी किया है। इसमें खर्चा भी हुआ है।

इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि NEET UG 2024 परीक्षा को दोबारा आयोजित करने की आवश्यकता नहीं है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा कि परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से नीट-यूजी 2024 में सफल होने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

NEET UG पर केंद्र सरकार का शीर्ष कोर्ट में हलफनामा

केंद्र सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि उसने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कथित अनियमितताओं के पूरे मामले की व्यापक जांच करने को कहा है। NEET UG का आयोजन सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जाता है।

पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोपों के कारण एनईईटी-यूजी परीक्षा 2024 जांच के दायरे में आ गई है। 11 जून को सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए NEET-UG की परीक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार और NTA से जवाब मांगा था। हालांकि कोर्ट ने सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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