Ranchi- ईडी को धमकी देना संवैधानिक संस्थाओं का अपमान- ईडी के सम्मन के बाद मुख्यमंत्री आवास के सामने सीएम हेमंत सोरेन के द्वारा की गयी बयानबाजी को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अहंकार की भाषा बतलाया है, उन्होंने कहा है कि इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल को उचित नहीं कहा जा सकता.
उनके द्वारा की गयी बयानवाजी उनके डर, अहम और अहंकार को दर्शाता है. इसी तरह की हुंकार कभी लालू यादव भी भरा करते थें. उसका क्या नतीजा हुआ, यह किसी से छिपा नहीं है. जब मुख्यमंत्री ने कोई गलत ही नहीं की है तो डर किस बात का, लेकिन उनके द्वारा तो एक संवैधानिक संस्था ईडी को धमकी दी जा रही है. जब भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर शिकंजा कसा जाता है तो संवैधानिक संंस्थाओं को धमकाने की शुरुआत कर दी जाती है.
ईडी को धमकी देना संवैधानिक संस्थाओं का अपमान
हेमंत सोरेन भूल रहे हैं कि हमारे देश में लोकतंत्र है, राजतंत्र नहीं. कानून को कानून की तरह काम करने देना चाहिए. बेहतर तो यही होता कि मुख्यमंत्री ईडी को धमकाने के बजाय उसके सामने जाकर अपना पक्ष रखते. इसी तरह नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित पूरी कांग्रेस पार्टी हो हल्ला मचा रही थी. आखिरकार सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कानून के सामने जाना ही पड़ा.
कांग्रेस, झामुमो और राजद की तरह भाजपा परिवार की पार्टी नहीं है कि
हेमंत सोरेन भाजपा कार्यकर्ताओं को धमकायेंगे और वो डर जायेंगे.
भाजपा कार्यकर्ताओं के संघर्ष की वजह से ही केंद्र सहित
देश के कई राज्यों में आज भाजपा की सरकार है.
झारखंड में कार्यरत अधिकारियों को निष्पक्ष होकर काम करने की जरूरत है.
न पक्ष, न विपक्ष उन्हें निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए.
आदिवासी बच्चियों के साथ बलात्कार पर मौन साध लेते हैं सीएम हेमंत
हेमंत सोरेन को अपना यह आक्रोश आदिवासी बच्चियों के साथ बलात्कार होने पर दिखाना चाहिए.
तब वो मौन रहते हैं. खुद को भ्रष्टाचार पर कार्रवाई होने पर उन्हें आदिवासी समाज याद आता है.
आदिवासी समाज का उत्थान विकास से होगा, न कि हेमंत सोरेन के भ्रष्टाचार से.
भ्रष्टाचार से सोरेन परिवार का तो उत्थान हो सकता है,
लेकिन आम आदिवासी को इससे कोई लाभ नहीं मिलनेवाला है.
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