रांचीः झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन से शपथपत्र दाखिल कर इस बात की जानकारी मांगी है कि तीसरे और चतुर्थवर्गीय पदों पर स्थायी नियुक्ति सोनी कुमारी बनाम राज्य सरकार मामले में दिए गए फैसले से प्रभावित कैसे होगी.
चीफ जस्टिस डॉ़ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने इस मामले में सुनवाई के बाद आदेश दिया. हाईकोर्ट ने रिम्स की बदहाल स्थिति में सुधार लाने के लिए इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. .
दरअसल रिम्स प्रबंधन ने सुनवाई के दौरान यह दलील रखी थी कि तृतीय और चतुर्थवर्गीय पदों पर स्थायी नियुक्ति से नियोजन नीति के मामले में अदालत के फैसले से प्रभावित हो सकती है.
रिम्स प्रबंधन की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन को यह बताने को कहा है कि तीसरे और चतुर्थवर्गीय पदों पर स्थायी नियुक्ति सोनी कुमारी बनाम राज्य सरकार के मामले में दिए आदेश से कैसे प्रभावित होगी.
रिम्स की ओर से कोर्ट को यह जानकारी दी गई कि फिलहाल इन पदों पर अनुबंध पर नियुक्ति कर दी गई है. साथ ही एक सीटी स्कैन मशीन लगा दी गई और यह सुचारु रुप से कार्यरत है. दूसरे सीटी स्कैन मशीन लगाने की प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है.
रिम्स की इस दलील पर कोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद भी एक सीटी स्कैन मशीन लगाने में एक साल लग गए. अदालत ने जल्द से जल्द दूसरी मशीन लगाने का निर्देश दिया.
मामले की अगली सुनवाई अगले माह होगी. फिलहाल तृतीय वर्ग कर्मचारियों के लिए 303 तथा चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के लिए 596 पद रिक्त है.
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