IAS Vinay Choubey News: शराब घोटाला और हजारीबाग खास महाल जमीन घोटाले में आरोपी विनय चौबे को जेल से निकलना मुश्किल, ACB ने तीन केस दर्ज किए।
IAS Vinay Choubey रांची : IAS अधिकारी विनय चौबे की मुसीबतें लगातार गहराती जा रही हैं। वे पिछले चार महीने से अधिक समय से जेल में बंद हैं और अभी भी बाहर निकलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। दरअसल, एसीबी (भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो) ने उनके खिलाफ अब तक तीन मामले दर्ज किए हैं। इनमें से एक शराब घोटाला है, जिसमें सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होने का आरोप है। इस मामले में उन्हें 19 अगस्त को जमानत तो मिल गई थी, लेकिन जेल से बाहर नहीं आ सके क्योंकि उनके खिलाफ खास महाल जमीन घोटाले में भी मुकदमा दर्ज है।
Key Highlights
निलंबित IAS विनय चौबे 20 मई 2025 से न्यायिक हिरासत में।
एसीबी ने अब तक उनके खिलाफ तीन मामले दर्ज किए।
शराब घोटाले (38 करोड़ का नुकसान) में 19 अगस्त को जमानत मिली थी।
खास महाल जमीन घोटाला (हजारीबाग) में अभी जमानत नहीं मिली।
तीसरे मामले में भी एसीबी ने उन्हें आरोपी बनाया, जेल से निकलना होगा मुश्किल।
चार्जशीट दाखिल न होने पर ही शराब घोटाले में कोर्ट ने दी थी जमानत।
IAS Vinay Choubey: विनय चौबे को 20 मई 2025 को एसीबी ने गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी शराब घोटाले में हुई थी। इस मामले में एसीबी को 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी थी, लेकिन समय सीमा पूरी होने के बावजूद चार्जशीट पेश नहीं हो पाई। नतीजा यह हुआ कि कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। हालांकि, राहत वहीं खत्म हो गई जब हजारीबाग में दर्ज खास महाल जमीन घोटाला मामले में उनका नाम सामने आया। इस मामले में आरोप है कि विनय चौबे की संलिप्तता से राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।
IAS Vinay Choubey: खास महाल जमीन घोटाले में अब तक उन्हें जमानत नहीं मिल पाई है। इतना ही नहीं, एसीबी ने हजारीबाग में हुए वन भूमि घोटाले में भी विनय चौबे को आरोपी बनाया है। इस तरह अब उनके खिलाफ तीन मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें से सिर्फ शराब घोटाले में ही उन्हें जमानत मिल सकी है, जबकि जमीन और वन भूमि घोटाले के मामले में वे अभी भी जेल में ही रहेंगे।
IAS Vinay Choubey: कानूनी जानकारों के मुताबिक, जब तक विनय चौबे को हजारीबाग के खास महाल जमीन घोटाले में जमानत नहीं मिलती, उनका जेल से बाहर निकलना असंभव है। एसीबी की कार्रवाई और नए मामलों में उनकी संलिप्तता के चलते उनके लिए कानूनी लड़ाई और कठिन होती जा रही है।
IAS Vinay Choubey: इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर झारखंड की ब्यूरोक्रेसी और भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विनय चौबे जैसे सीनियर अधिकारी के लगातार घोटालों में फंसने से शासन और प्रशासन की छवि भी सवालों के घेरे में है।
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