लखनऊ : Important UP BJP Meeting – ‘महाराज जी’ पर भाजपा को पूरा भरोसा, कार्यकर्ताओं का सम्मान पहली प्राथमिकता, विपक्षी झूठ से हुई लोकसभा चुनावों में हार। रविवार को यहां राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय सभागार में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की हुई बैठक में राष्ट्रीय से प्रदेश के संगठन से लेकर सरकार में शामिल पदाधिकारियों ने संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली अनपेक्षित हार पर मोटे तौर पर एक ही राय रखी कि आईएनडीआई गठबंधन के सपा और कांग्रेस के झूठे प्रचार ने काफी नुकसान किया। अब इसका पुरजोर काट करने को पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता पूरे जीजान से जुटेंगे और संगठन से लेकर सरकार के स्तर पर कार्यकर्ताओं का सम्मान ही पार्टी की पहली प्राथमिकता होगी। साथ ही हाल में उठे कुछ सरकार विरोधी सुरों के भी ऐन बैठक से पहले सही होते ही समग्र तौर पर पार्टी ने यूपी में ‘महाराज जी’ यानी योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार पर पूरा भरोसा जताया है।
प्रस्ताव पारित – सीएम योगी की कानून व्यवस्था बनी मिसाल, सपा राज में हुई गुंडागर्दी
इस बैठक में अहम घटनाक्रम यह रहा कि हाल के दिनों प्रदेश सरकार को निशाने पर लेने वाली पार्टी नेताओं का सुर अचानक ही बदल गया। सभी ने प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में सुधरी कानून व्यवस्था को देश के लिए मिसाल बताया। इसी क्रम में प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरे देश में उदाहरण बनी है। बैठक में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव ने कहा कि अगर दूसरे दल में आपकी जाति का नेता है तो उनके चक्कर में ना पड़िए क्योंकि वह अगर समाजवादी पार्टी में है तो ना तो आपका भला कर सकते हैं ना आपको आगे बढ़ाएंगे। सपा के नेता तो आपके परिवार की भी सुरक्षा नहीं कर सकते। उन्होंने एक परिवार का उदाहरण देते हुए कहा की इस सरकार में मैंने अधिकारी को फोन किया तो उसकी मदद हुई पर यही सपा सरकार होती तो कुछ नहीं होता। सपा सरकार में कार्यकर्ता गुंडागर्दी करते थे और अराजकता फैलाते थे।
भाजपा ने कांग्रेस और सपा पर साधा निशाना – यूपी में सपा का वोट बैंक निगलेगी कांग्रेस
प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लाए गए प्रस्ताव में भाजपा ने आईएनडीआईए गठबंधन के कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों को निशाने पर लिया। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि, ‘सपा और कांग्रेस ने जनता को जाति और धर्म में फंसाकर गुमराह किया। अल्पसंख्यक लोगों को नए एजेंडे में फंसाकर उनका वोट लिया। हमारे लिए चुनौती है कि हम उनको बेनकाब करें। हमें सर्वसमाज को लेकर आगे बढ़ना है। अखिलेश को सावधान कर रहा हूं कि उन्हें कांग्रेस से बचकर रहना चाहिए। कांग्रेस भस्मासुर है। वह सपा को जल्द ही ठिकाने लगाएगी। कांग्रेस जहां भी जीतती है वह दूसरे दलों के समर्थन से जीतती है। इसलिए अखिलेश को कांग्रेस से सजग रहना चाहिए। पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस ने अलग-अलग दलों के साथ जाकर उनका वोट लेने की कोशिश की। कांग्रेस ने कभी दलित ओर पिछड़ों का सम्मान नहीं किया बस उनका वोट लेने का प्रयास किया। कांग्रेस ने अबंडेकर का सदैव अपमान किया। कांग्रेस के नेता संविधान को लेकर चलते हैं लेकिन उसे कभी पढ़ा नहीं। कांग्रेस ने ही सबसे ज्यादा बार संविधान को बदलने की कोशिश की है। कांग्रेस ही वह पार्टी है जिसने आपातकाल लगाया है। भाजपा ने सदैव संविधान की रक्षा करने की कोशिश की है।‘ भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि यूपी में कांग्रेस का लक्ष्य उस मुस्लिम वोट को अपने पाले में करना है जो सपा की सियासत का आधार है और पहले कांग्रेस के साथ हुआ करती थी।
लोकसभा चुनाव में हार कारणों पर भी हुई खुलकर चर्चा
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन पर भी खुलकर चर्चा हुई। वर्ष 2019 के मुकाबले 62 सीटों से घटकर इस बार यूपी में भाजपा 33 सीटों पर सिमट गई। इन्हीं नतीजों पर मंथन करते हुए यूपी की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में शामिल कुछ पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि यूपी में कुछ ठीक नहीं है। प्रयागराज से मंडल अध्यक्ष सियाराज और पिछड़ा मोर्चा के अध्यक्ष सुभाष पटेल ने कहा कि कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है, अधिकारी सरकार चला रहे हैं और मंत्री मजबूर हैं। अब इस बारे में बैठक में कोई कुछ नहीं बोलेगा तो ऐसे में पार्टी हार जाएगी। मोदी सरकार में मंत्री रहे पूर्व सांसद कौशल किशोर ने कहा कि विपक्ष के नैरेटिव और पार्टी के कुछ लोगों के कारण हम हारे। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह के बयान के बाद पार्टी की हालत और ख़राब हो गई। सांसद विनोद सोनकर ने कहा कि यूपी में हार का कारण विपक्ष का बनाया संविधान और आरक्षण खत्म करने का नैरेटिव था। साथ ही उन्होंने अबकी बार, 400 पारह्ण के नारे को भी हार का कारण बताया। यही नहीं उन्होंने पार्टी के कुछ लोगों पर भीतरघात का आरोप भी लगाया।
यूपी भाजपा के पारित राजनीतिक प्रस्तावों में सभी अहम मुद्दे शामिल, डालें एकनजर
बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता ने पेश किया तो महामंत्री और राज्यसभा सांसद अमरपाल मौर्य, प्रियंका सिंह रावत, सुभाष यदुवंशी और संजय राय ने उसका समर्थन किया। पूर्व सांसद प्रियंका सिंह रावत ने बैठक में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की मांग की। पारित राजनीतिक प्रस्तावों के कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं – विपक्ष के झूठे प्रचार के कारण चुनाव में सफलता नहीं मिली, आरक्षण और संविधान को लेकर विपक्ष ने झूठ फैलाया, महिलाओं को रुपये देने के नाम पर जनता को ठगा गया, भाजपा ओबीसी और एससी आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है जबकि समाजवादी पार्टी ने हमेशा आरक्षण और आंबेडकर का विरोध किया है, सरकारी भर्तियों या परीक्षाओं में रुकावट नहीं आनी चाहिए, परीक्षा और भर्ती में शुचिता और पारदर्शिता जरूरी एवं पेपर लीक की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा दिलाने को प्रतिबद्ध है संगठन और सरकार।
कृष्ण जन्मभूमि के लिए संघर्ष अब भाजपा का नया एजेंडा, राहुल को बताया हिंदू विरोधी
भाजपा ने समाजवादी पार्टी के यादव वोट बैंक पर सेंधमारी करने के लिए मथुरा-वृंदावन के विकास और श्री कृष्ण जन्मभूमि के लिए संघर्ष करने का ऐलान भी किया है। साथ ही पार्टी ने दलित वोटों को अपनी ओर जोड़ने के लिए बुद्ध परिनिर्वाण स्थल, कुशीनगर को एजेंडे में शामिल किया गया है। इसी क्रम में भाजपा ने अपने एजेंडे में राहुल गांधी के हिंदू धर्म विरोधी होने का प्रस्ताव भी पारित किया है। इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी सत्ता में आते तो हिंदू शब्द बोलने पर ही प्रतिबंध लगा देते। राहुल को हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए।
भूपेंद्र चौधरी बोले – कार्यकर्ता का सम्मान हमारी प्राथमिकता
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने रविवार की बैठक में कहा है कि कार्यकर्ता का सम्मान हमारी प्राथमिकता है। पूरी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। हम सब मिलकर संकल्प लें कि यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में 100 फीसदी जीत हासिल करेंगे। अगली लड़ाई स्वार्थी, परिवारवादियों और मोदी के परिवार के बीच है। हम सभी कार्यकर्ताओं को 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प पूरा करना है। बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक, राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े, अरुण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आदि मौजूद रहे।