प्रयागराज : महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या से पहले रिकार्ड 4.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी, प्रयागराज के साथ सुल्तानपुर और जौनपुर के स्कूलों में छुट्टी। महाकुंभ 2025 के जारी महोत्सव के दूसरे अमृत स्नान बुधवार को मौनी अमावस्या को होना है लेकिन उससे एक दिन पहले ही देश-विदेश से उमड़े भक्तों के सैलाब से मंगलवार को पौ फटने से पहले से लेकर सूर्यास्त के बाद अंधेरा छाने तक संगम तट तिल धरने की भी जगह बमुश्किल मिलने वाली स्थिति बनी रही।
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नतीजा यह हुआ कि संगम तट पर एक दिन में डुबकी लगाने वाले भक्तों, श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों की संख्या ने नया रिकार्ड बनाया। महाकुंभ मेला प्रबंधन और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर मंगलवाल देर सायं जारी अपडेट के मुताबिक, अकेले मंगलवार को सायं 6 बजे तक कुल 4.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम स्थल त्रिवेणी में पावन डुुबकी लगाई।
इस तरह पौष पूर्णिमा से शुरू हुए महाकुंभ स्नान के क्रम में अब तक डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों की संख्या 18 करोड़ के पार चली गई है।
एक दिन पहले सोमवार को 1.55 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी
महाकुंभ मेला प्रबंधन और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी ब्योरे के मुताबिक, बीते सोमवार 27 जनवरी को रात 10 बजे तक 1.55 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों ने त्रिवेणी में पावन स्नान का लाभ उठाया था। महाकुंभ 2025 के जारी महोत्सव में मौनी अमावस्या से पहले बीते सोमवार को बड़ी संख्या में देश और विदेश से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं का रेला गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम स्थल त्रिवेणी में पावन डुबकी लगाने को उमड़ा था।

वही क्रम मंगलवार को बना रहा और सोमवार की तुलना में 3 गुना ज्यादा संख्या में भक्त संगम तट पर जुटे। इसके चलते डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की गिनती में लगा सरकारी तंत्र हांफने की स्थिति में दिखा। इससे पहले महाकुंभ 2025 में मकर संक्रांति के दौरान अमृत स्नान के दिन 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने कड़ाके की सर्दी में त्रिवेणी के शीतल जल में आस्था की पावन डुबकी लगाई थी।
बीते सोमवार की रात 10 बजे तक यूपी सरकार की ओर से संगम के त्रिवेणी में महाकुंभ मेले के दौरान 14.76 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की पुष्टि की गई थी।

मौनी अमावस्या पर रिकार्ड भीड़ के अनुमान पर आसपास के जिलों में स्कूल बंद…
चल रहे महाकुंभ मेला 2025 के दौरान बुधवार को मौनी अमावस्या स्नान पर्व का आयोजन होगा। मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान पर्व में भाग लेने के लिए देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम नगरी पहुंच रहे हैं। बस, ट्रेन, हवाई जहाज और पैदल श्रद्धालुओं का तांता संगम नगरी पहुंच रहा है।
प्रयागराज आने वाली तमाम सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। शहर पहले से ही पैक हो गया है। ऐसे में प्रयागराज ही नहीं आसपास के जिलों में भी व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सड़कों पर जाम जैसी स्थिति बनी हुई है। इसको देखते हुए प्रयागराज और आसपास के जिलों में स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है।

पड़ोसी सुल्तानपुर और जौनपुर जिले में भी स्कूलों को बंद करने का प्रशासन ने लिया फैसला
हालत यह है कि मौनी अमावस्या के मद्देनजर लगातार बढ़ते भक्तों के सैलाब को देखते हुए अब प्रयागराज के पड़ोसी सुल्तानपुर और जौनपुर जिले में भी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। प्रयागराज जिला प्रशासन ने शहरी क्षेत्र के स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया है। प्रयागराज जिला प्रशासन ने पहले ही स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया था। प्रयागराज नगर क्षेत्र के 12वीं तक के सभी बोर्ड के स्कूल 28 से 30 जनवरी तक बंद किए गए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक पीएन सिंह ने इस संबंध में बाकायदा आदेश जारी किया है।
इसी क्रम में सुल्तानपुर के जिला विद्यालय निरीक्षक ने मौनी अमावस्या स्नान पर्व को लेकर स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया है। सुल्तानपुर डीएम ने इस संबंध में आदेश जारी किया था।

महाकुंभ मेला को देखते हुए सुल्तानपुर की ओर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु, वीआईपी और विदेशी मेहमानों का आना-जाना जारी है। इससे जिले में यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है। छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए 30 एवं 31 जनवरी और 1 फरवरी को छुट्टी का ऐलान किया गया है।
लगे हाथ जौनपुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर गोरखनाथ पटेल ने स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की गई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में कार्यालय आदेश जारी किया है।
जौनपुर डीएम के आदेश पर 29 जनवरी को स्नान पर्व मौनी अमावस्या के कारण जिले में आवागमन और ट्रैफिक परेशानी को देखते हुए सभी परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, सभी सीबीएसई, आईसीएसई, यूपी बोर्ड, मान्यता प्राप्त मदरसा, सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। इसको लेकर सभी स्कूलों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।