रांची: झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 23 करोड़ रुपए के कथित फर्जीवाड़े की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पूछताछ के दौरान चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। ईडी ने मामले में जूनियर इंजीनियर (जेई) सुरेश कुमार महतो से पूछताछ की, जिनके मोरहाबादी स्थित रामकृष्ण मिशन, कुसुम विहार के पीछे बने आवास पर छापेमारी की गई थी। इस दौरान ईडी को दो लाख पांच हजार रुपये नकद बरामद हुए।
पूछताछ में जेई सुरेश महतो ने बताया कि विभाग के टेंडर में ठेकेदारों को कुल कार्यादेश राशि का 3.75 प्रतिशत बतौर कमीशन देना पड़ता था। इस कमीशन का बंटवारा विभाग के भीतर तयशुदा तरीके से होता था—जिसमें मंत्री का हिस्सा 2.25 प्रतिशत, विभागीय सचिव का 0.5 प्रतिशत, अभियंता प्रमुख का 0.5 प्रतिशत, स्वयं जेई का 0.02 प्रतिशत और अन्य अधिकारियों के हिस्से 0.75 प्रतिशत शामिल थे।
महतो ने पूछताछ में यह भी स्वीकार किया कि जो ठेकेदार यह कमीशन नहीं देते थे, उनका कार्यादेश रद्द कर दिया जाता था। उन्होंने इस पूरे नेटवर्क से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारियों के नाम भी ईडी को बताए हैं, जिन तक कमीशन की राशि नियमित रूप से पहुंचती थी।
हालांकि, फिलहाल ईडी इन बयानों की सत्यता और संलिप्त अधिकारियों की भूमिका की पुष्टि करने में जुटी है। जांच एजेंसी अब उन सभी अधिकारियों की जांच कर रही है, जिनका नाम सुरेश महतो ने लिया है।