हुसैनाबाद: विधानसभा क्षेत्र, जो पलामू जिला के अंतर्गत आता है, इस बार चुनावी दौड़ में दिलचस्पी का केंद्र बना हुआ है। पांच प्रमुख चेहरे इस बार की चुनावी जंग में अपनी किस्मत आजमाने के लिए तैयार हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं निवर्तमान विधायक कमलेश कुमार सिंह, जो इस बार भाजपा के प्रत्याशी हैं।
कमलेश कुमार सिंह: चुनौती की नई परिभाषा
कमलेश कुमार सिंह ने भाजपा का दामन थामते हुए अपने पुराने समर्थकों को फिर से सक्रिय किया है। पिछले चुनाव में उनकी जीत से उत्साहित पार्टी कार्यकर्ताओं को अब उनके नेतृत्व में एक नई दिशा मिलती नजर आ रही है। हालांकि, भाजपा में टिकट वितरण ने कुछ असमंजस पैदा कर दिया है, खासकर जब पुराने नेता विनोद कुमार सिंह और डॉ. कर्नल कुमार सिंह को टिकट नहीं मिला।
निर्दलीय प्रत्याशियों की चुनौती
भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता विनोद कुमार सिंह और डॉ. कर्नल कुमार सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में कूदकर अपने पुराने समर्थकों को एकजुट किया है। इन दोनों नेताओं का मानना है कि उनके पास पार्टी कार्यकर्ताओं का एक मजबूत समूह है, जो चुनाव में उनकी मदद करेगा। यह स्थिति भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है, क्योंकि कार्यकर्ता अभी भी पुराने नेतृत्व के प्रति वफादार हैं।
संजय कुमार सिंह यादव: राजद के पुराने खिलाड़ी
राजद के पूर्व विधायक संजय कुमार सिंह यादव ने भी इस चुनावी दौड़ में कदम रखा है। उनके पास पिछड़े, दलित और अन्य जातियों का समर्थन है, जिससे उनकी स्थिति और मजबूत होती दिख रही है। इडी गठबंधन से आए उनके कार्यकर्ताओं ने भी भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश की है। यह देखने वाली बात होगी कि क्या वे वोटों का एक बड़ा हिस्सा अपने पक्ष में कर पाते हैं।
कुशवाहा शिवपूजन मेहता: बसपा का नया चेहरा
बसपा के पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने भी अपनी ताकत दिखाने के लिए नामांकन दाखिल किया है। कुशवाहा वर्ग के वोटों पर उनकी पकड़ के चलते, उन्हें भी इस चुनाव में महत्वपूर्ण उम्मीदवार माना जा रहा है। उनका नामांकन इस बात का संकेत है कि चुनावी समीकरण और भी जटिल होते जा रहे हैं।
नतीजों का इंतजार
अब जबकि सभी पांच प्रमुख चेहरे अपनी-अपनी ताकत और रणनीतियों के साथ चुनावी मैदान में हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किसे राज तिलक देते हैं। 23 नवंबर को होने वाले चुनाव परिणाम इस क्षेत्र की राजनीतिक दिशा तय करेंगे। यह चुनाव न केवल प्रत्याशियों के लिए, बल्कि क्षेत्र के मतदाताओं के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।