Patna-भाजपा जदयू आमने-सामने- बिहार नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर चुनाव स्थगित होने के बाद भाजपा और जदयू आमने-सामने है। भाजपा के खिलाफ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की अगुवाई में आज राज्य भर में ‘पोल खोल’ एक दिवसीय धरना कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.
अति पिछड़ा आरक्षण- भाजपा जदयू आमने-सामने
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा 2015 के विधानसभा चुनाव के पहले ही भाजपा ने आरक्षण पर पुनर्विचार की बात कही थी। उसी वक्त हम लोगों को लग गया था कि भाजपा आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करना चाहती है। 2006 में पंचायत और 2007 में नगर निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा आरक्षण लागू किया गया। इसकी वैधता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने दे दी थी। इसके बाद 3 बार इस पद्धति से चुनाव कराए जा चुके हैं। 2022 में भाजपा के द्वारा नई साजिश कर नगर निकाय चुनाव में आरक्षण व्यवस्था समाप्त किया गया, जिसका निर्णय पटना हाई कोर्ट द्वारा दिया गया।
आयोग बनाने की सलाह, मामला को लटकाने की साजिश
ललन सिंह ने कहा कि कुछ लोगों के द्वारा और खास कर भाजपा के द्वारा अतिपिछड़ों का आरक्षण के लिए आयोग बनाने की सलाह दी जा रही है, यह पूरी तरह से मामले को लटकाने की साजिश है, हम किसी भी कीमत पर यह नहीं होने देंगे और बगैर अति पिछड़ों के आरक्षण को निकाय चुनाव संपन्न भी नहीं होगा.
आरक्षण विवाद का एक ही समाधान, जातीय जनगणना करवाये भाजपा
आयोग बनाने की बात कही जा रही है जो मामले को लटकाने की तैयारी है।
जदयू केंद्र सरकार से लगातार देश भर में जातीय जनगणना कराने की मांग कर रही है।
राज्य सरकार अपने खर्चे से राज्य में जाति आधारित गणना करा रही है।
लेकिन पटना हाई कोर्ट के द्वारा नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को खत्म करना गलत है।
भारतीय जनता पार्टी झूठ फैलाने का काम कर रही है,
लेकिन यदि उनके तमाम नापाक मंसूबों को नाकाम कर देगी।
जदयू के आनंद सिंह ने कहा कि
हमारी पार्टी राज्य के सभी अतिपिछड़ा के बीच जाकर सही बात रखेगी।
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