सभी मिलकर जदयू को बनाएं राष्ट्रीय पार्टी : नीतीश
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बयान से एक ऐसे मुद्दे को ठंढ़ा कर दिया जिससे एनडीए के भीतर की राजनीति गरमा सकती थी। नीतीश कुमार ने कहा है कि वो प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं.। दरअसल जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें कहा गया है कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण है लेकिन पार्टी इसको लेकर अपना दावा पेश नहीं करती है। राजग में प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी का ही नाम है। ये प्रस्ताव पास हो गया। हालांकि ये मामला मीडिया और राजनीतिक हलकों में उछलता इससे पहले ही नीतीश कुमार ने अपने बयान से मामले को शांत कर दिया। इस बारे में पत्रकारों ने जब नीतीश कुमार से पूछा तो उन्होने कहा कि वो प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं।
रविवार को पटना स्थित जदयू मुख्यालय में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘हम सबको मिलकर जदयू को राष्ट्रीय दल बनाना है। इसके लिए चार राज्यों में पार्टी को मान्यता मिलना जरूरी है, हमें इस लक्ष्य को हासिल करना है। पार्टी के विस्तार और मजबूती के लिए सभी नेताओं को अन्य राज्यों में जाना चाहिए। जरूरत पड़ी तो मैं भी जाऊंगा।’’
उन्होंने जातिगत जनगणना को बेहद जरूरी बताते हुए कहा कि किस जाति की कितनी आबादी है, इसकी जानकारी मिल जाये तो सबके विकास को बल मिलेगा। नीतीश कुमार ने कहा, जातिगत जनगणना किसी के खिलाफ नहीं है। यह सबके पक्ष में है। उनके संबोधन के क्रम में महाराष्ट्र से आए जदयू के एक प्रतिनिधि ने यह पूछा कि वह महाराष्ट्र में इस मामले को आगे बढ़ाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी के हित में है। इसके बारे में लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है। प्रधानमंत्री के समक्ष बिहार से गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने विस्तार से अपनी बात रखी है। निर्णय केंद्र को करना है। देश के सभी राज्यों में जातिगत जनगणना को समर्थन है।
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