रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 13 नवंबर को होनी है, और प्रचार-प्रसार के लिए आज और कल ही दो दिन का समय बचा है। चुनाव प्रचार कल शाम 5 बजे के बाद बंद हो जाएगा, जब चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार चुनावी प्रचार का शोर थम जाएगा। इस समय में प्रत्याशी डोर-टू-डोर प्रचार ही कर सकते हैं, और इस अंतिम दौर में चुनावी तापमान अपने उच्चतम स्तर पर है।
राज्यभर के नेताओं ने पहले चरण की 43 सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। खासकर रांची, हटिया, चाईबासा, जमशेदपुर, और घाटशिला जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मतदान के लिए कड़ी तैयारियाँ चल रही हैं। चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर लिया है।
पहले चरण के मतदान में कुल 685 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें कई बड़े नाम और दिग्गज नेता भी शामिल हैं। भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, आरजेडी समेत विभिन्न दलों के नेता चुनावी रण में अपनी-अपनी पार्टी की ओर से प्रचार कर रहे हैं। हालांकि, प्रचार की अंतिम बेला में सभी प्रत्याशी अब जनता से सीधे संपर्क कर रहे हैं, ताकि उनके मुद्दों और विजन को वोटरों तक पहुंचा सकें।
चाईबासा, त्रा, और अन्य क्षेत्रों में स्थानीय मुद्दे जैसे जल संकट, नक्सलवाद और बुनियादी सुविधाओं की कमी प्रमुख चर्चा के विषय हैं। चाईबासा में पानी की घोर किल्लत और नक्सलवाद की समस्या पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, वहीं त्रा क्षेत्र में भी बेरोजगारी और रोजगार के अवसरों की कमी की चर्चा हो रही है।
अंतिम दो दिनों में प्रचार तेज होने के बावजूद, प्रत्याशी और उनके समर्थक अब जनता के बीच जाकर वोट की अपील करने में जुटे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता 5 साल के बाद क्या बदलाव चाहती है और किसे अपनी आस्था का प्रतीक मानती है। 13 नवंबर को इन 43 सीटों पर होने वाली वोटिंग के परिणाम राज्य की राजनीतिक दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।