झारखंड हाईकोर्ट ने CGL Paper Leak पर कहा – सबूत नहीं मिले, Result पर रोक जारी। सारंडा खनन अनुमति खारिज, अन्य मामलों में भी कोर्ट के आदेश।
Jharkhand High Court Update रांची: झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई अहम सुनवाई में राज्य सरकार ने बताया कि CGL परीक्षा पेपर लीक मामले (CGL Paper Leak Case) में अब तक किसी भी ठोस सबूत की पुष्टि नहीं हुई है।
चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में यह मामला सुनवाई के लिए आया था, जिसमें सरकार और झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (JSSC) की ओर से विस्तृत बहस हुई।
महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि गिरफ्तार आरोपी संतोष मस्ताना की पूछताछ में यह बात सामने आई कि प्रश्नपत्र कथित रूप से गेस पेपर से मिलते-जुलते थे, न कि असली पेपर लीक हुआ था। इसलिए, जांच में पेपर लीक होने के ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
Key Highlights:
सरकार ने कहा – अब तक CGL Paper Leak के ठोस सबूत नहीं मिले
हाईकोर्ट ने पूछा – मोबाइल का कॉल लॉग री-स्टोर क्यों नहीं किया गया
परिणाम पर लगी रोक फिलहाल जारी रहेगी, अगली सुनवाई 3 नवंबर को
सारंडा वन क्षेत्र में खनन की अनुमति देने से अदालत ने इंकार किया
महिला सुपरवाइजर नियुक्ति पर लगी रोक बरकरार, अगली सुनवाई 4 नवंबर को
मंत्री योगेंद्र प्रसाद केस में अदालत ने मांगे मूल दस्तावेज
अदालत ने सीआईडी के आईजी, डीआईजी और जांच अधिकारी से पूछा कि जब एफएसएल रिपोर्ट में मोबाइल का कॉल लॉग नहीं मिला, तो उसे री-स्टोर कराने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि इस दिशा में भी विचार किया जाएगा, क्योंकि जांच अभी जारी है।
वहीं, हस्तक्षेपकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण और अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कहा कि 22 अगस्त को हुई परीक्षा में भाषा का पेपर था, इसलिए उस दिन अधिक अभ्यर्थी पास हुए। उन्होंने NEET परीक्षा से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि यदि पेपर लीक के आरोप में सीमित अभ्यर्थी शामिल हैं, तो पूरी परीक्षा रद्द करना उचित नहीं होगा।
अदालत ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद CGL परीक्षा परिणाम पर लगी रोक को जारी रखा, और अगली सुनवाई 3 नवंबर को निर्धारित की।
Jharkhand High Court Update सारंडा खनन मामला: अदालत ने दी सख्त टिप्पणी
झारखंड हाईकोर्ट की एक अन्य खंडपीठ — जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय — ने शुक्रवार को सारंडा वन क्षेत्र में पत्थर खनन की अनुमति देने से इंकार कर दिया।
निशांत रोड लाइंस कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि सारंडा का संरक्षित क्षेत्र “नो माइनिंग जोन” है, और यहां खनन की अनुमति देना वन संरक्षण के उद्देश्यों के खिलाफ होगा।
अदालत ने शाह आयोग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सारंडा हाथियों का प्रमुख आवास क्षेत्र है, और खनन से पर्यावरणीय संतुलन पर गंभीर असर पड़ेगा। कोर्ट ने राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) के निर्णय को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी।
Jharkhand High Court Update महिला सुपरवाइजर नियुक्ति मामला: रोक जारी, 4 नवंबर को सुनवाई
जस्टिस आनंद सेन की अदालत में महिला सुपरवाइजर नियुक्ति को लेकर दायर याचिका पर भी सुनवाई हुई।
प्रार्थियों की ओर से पक्ष रखने के लिए समय मांगा गया, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 4 नवंबर को तय की है।
साथ ही अदालत ने नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक को अगले आदेश तक बरकरार रखा।
Jharkhand High Court Update मंत्री योगेंद्र प्रसाद केस: कोर्ट ने मांगे मूल दस्तावेज
गोमिया विधायक एवं मंत्री योगेंद्र प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर भी शुक्रवार को सुनवाई हुई।
जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने प्रार्थी लंबोदर महतो को छह सप्ताह के भीतर आरोपों से जुड़े मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मंत्री योगेंद्र प्रसाद को भी अपना लिखित जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
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