Ranchi: झारखंड के सहायक अध्यापक (Jharkhand Para Teachers) ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की घोषणा की है। झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा ने यह निर्णय रविवार को प्रभात तारा मैदान, रांची में आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में राज्य भर से पहुंचे शिक्षकों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें 30 अक्टूबर तक पूरी नहीं होती हैं, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे।
सरकार पर सिर्फ आश्वासन देने का आरोप :
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सरकार शिक्षकों की मांगों को लेकर अब तक सिर्फ आश्वासन दे रही है। जबकि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पारा शिक्षक लंबे समय से समान काम के लिए समान वेतन, आकलन परीक्षा को झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) के समान मान्यता देने, TET पास सहायक अध्यापकों को सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति और सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष करने की मांग कर रहे हैं।
Jharkhand Para Teachers: आंदोलन की रूपरेखा तय :
बैठक में यह तय किया गया कि यदि सरकार 30 अक्टूबर तक उनकी मांगें नहीं मानती है, तो शिक्षक 5 नवंबर को नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के गिरिडीह स्थित आवास का घेराव करेंगे। इसके बाद भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया, तो राज्य के सभी पारा शिक्षक 15 नवंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में एकत्र होकर राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम का विरोध करेंगे।
Jharkhand Para Teachers: 15 नवंबर से हड़ताल का एलान :
संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार तब भी मांगें पूरी नहीं करती है, तो 15 नवंबर से शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। बैठक में यह भी बताया गया कि झारखंड में फिलहाल करीब 60 हजार पारा शिक्षक कार्यरत हैं, जो राज्य के स्कूली शिक्षा तंत्र की रीढ़ हैं। झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के नेताओं विनोद बिहारी महतो, विनोद तिवारी, संजय दुबे, ऋषिकेश पाठक, दिलशाद अंसारी, सिंटू सिंह, विकास कुमार चौधरी, नरोत्तम सिंह मुंडा, भगवत तिवारी और वीरेंद्र राय ने बैठक में भाग लिया और आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की।
शिक्षकों का आरोप :
शिक्षकों का कहना है कि वे वर्षों से नियमितीकरण और समान वेतन की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने सिर्फ आश्वासन और वादे किए हैं। शिक्षकों ने कहा कि अब समय आ गया है जब वे अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरेंगे।
Highlights