Jharkhand Weather Update 14-05-2024: उत्तर पूर्वी हिस्सों में हल्की बारिश होगी, बाकी में तापमान में बढ़ोत्तरी की संभावना

Jharkhand Weather विभाग की ओर से 14 मई मंगलवार के लिए जारी बुलेटिन में राज्य के उत्तर पूर्वी हिस्से में वर्षा की संभावना का जिक्र किया गया है।

रांची : Jharkhand Weather के मिजाज में 14 मई के लिए सबसे अहम Update यह है कि मंगलवार को पूरे Jharkhand में मौसम का मिजाज पश्चिम बंगाल में पहुंचे बैसाखी के असर से बरसात सरीखा होने का अहसास केवल उत्तर पूर्वी हिस्से में दिख सकता है। उन जिलों में तेज हवाओं के साथ आसमान में बादलों के गरजने और बिजली के कड़कने की स्थिति बनने का अनुमान व्यक्त किया है। इसके असर से उन इलाकों में हल्के दर्जे के बारिश की संभावना है। साथ ही अब दिन के तापमान में बढ़ोत्तरी होने के संकेत हैं।

आज राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से में ही बारिश की संभावना

Jharkhand Weather विभाग के रांची केंद्र के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से पश्चिम बंगाल, उड़ीसा के तटीय इलाकों से बने चक्रवाती गतिविधियों के चलते मंगलवार 14 मई को Jharkhand के उत्तर पूर्वी हिस्से में कहीं-कहीं हल्के दर्जे की बारिश होने की संभावना है। साथ ही तेज हवाओं के भी बहने का अनुमान है जिनकी गति सतह पर 30 से 40 किमी प्रतिघंटा रहने का अनुमान है। Jharkhand Weather विभाग के रांची केंद्र की जारी विशेष बुलेटिन में कहा गया है कि 14 मई को धनबाद, गिरिडीह, जामताड़ा, देवघऱ, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ और साहिबगंज में कहीं – कहीं बारिश की स्थिति बन सकती।

बदले मौसमी मिजाज में चाईबासा रहा सबसे कूल, पश्चिमी सिंहभूम में हुई अच्छी बूंदाबांदी

Jharkhand Weather विभाग की ओर से 14 मई मंगलवार के लिए जारी बुलेटिन में राज्य के उत्तर पूर्वी हिस्से में वर्षा की संभावना का जिक्र किया गया है। कई स्थानों पर वर्षा के चलते कीचड़ की स्थिति भी बनेगी। कृषि व बागवानी फसलों के साथ पौधरोपण को नुकसान पहुंचने का अंदेशा व्यक्त किया गया है। Jharkhand में पिछले 24 घंटे में सभी हिस्से में आंधी और गरज के साथ हल्के-मध्यम बारिश हुई है। पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश पश्चिमी सिंहभूम के मनोहरपुर में 10 मिमी रिकार्ड किया गया। इस दौरान Jharkhand में सबसे गर्म डाल्टनगंज रहा जहां तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि सबसे ठंडा चाईबासा रहा जहां तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तक गिरा।

Jharkhand में 14 मई का संभावित तापमान एकनजर में

रांची में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापपमान 25 डिग्री सेल्सियस, खूंटी में अधिकतम 37 और न्यूनतम 26, गुमला में अधिकतम 38 और न्यूनतम 25, हजारीबाग में अधिकतम 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस, रामगढ़ में अधिकतम 38 और न्यूनतम 24, बोकारो में अधिकतम 39 और न्यूनतम 26, पलामू में अधिकतम 42 और न्यूनतम 28, लोहरदगा में अधिकतम 38 और न्यूनतम 25, लातेहार में अधिकतम 40 और न्यूनतम 28, गढ़वा में अधिकतम 42 और न्यूनतम 28, चतरा में अधिकतम 38 और न्यूनतम 28, कोडरमा में अधिकतम 38 और न्यूनतम 25,  देवघर में अधिकतम 36 और न्यूनतम 26, धनबाद में अधिकतम 36 और न्यूनतम 26, दुमका में अधिकतम 36 और न्यूनतम 26, गिरिडीह में अधिकतम 39 और न्यूनतम 26, गोड्डा में अधिकतम 38 और न्यूनतम 27, जामताड़ा में अधिकतम 36 और न्यूनतम 26, पाकुड़ में अधिकतम 38 और न्यूनतम 27, साहिबगंज में अधिकतम 36 और न्यूनतम 27, सिमडेगा में अधिकतम 38 और न्यूनतम 25, सराइकेला में अधिकतम 40 और न्यूनतम 27, पूर्वी सिंहभूम में अधिकतम 40 और न्यूनतम 27 एवं पश्चिमी सिंहभूम में अधिकतम 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस तापमान रहने का अनुमान है।

वज्रपात-ओलावृष्टि के दौरान बचाव के लिए जारी एडवाइजरी

Jharkhand में 14 मई को भी कई स्थानों पर तेज हवाओं के साथ आसमान में बिजली कड़कने, वज्रपात और ओलावृष्टि की आशंका के मद्देनजर एडवाइजरी जारी की गई है। इसके मुताबिक, ओलावृष्टि से फसलों विशेषकर फलों और सब्जियों के तने, पत्तियों और पैदावार के प्रभावित होने की आशंका है।

एडवाइजरी में आम जनमानस को जल निकासी की व्यवस्था को सही करने को कहा गया है ताकि जलजमाव की स्थिति से बचा जा सके। साथ जल जमाव वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी गई है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी की आशंका को टाला जा सके। तैयार फल एवं सब्जियों की तुड़ाई कर किसान उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्टोर कर लें।

आंधी, आसमान में गर्जन और वज्रपात के दौरान लोगों को यथासंभव घर में ही बने रहने की सलाह दी गई है। इस दौरान इलेक्ट्रानिक उपकरणों, कॉर्डेड फोन आदि के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी गई है क्योंकि तारों के माध्यम से बिजली यात्रा कर सकती है और चोट या क्षति का कारण बन सकती है।

तेज हवा के झोंके से पेड़ों के गिरने और बिजली के तारों के क्षति पहुंच सकती है।

आंधी के दौरान दृश्यता कम हो सकती है। आंधी के बाद गिरे पेड़ की शाखाओँ और बिजली के लाइनों से दूर रहे क्योंकि बिजली का प्रवाह उसमें लाइव हो सकता है।

ओलावृष्टि के दौरान घर के अंदर या मजबूत वाहन में आश्रय लेना महत्वपूर्ण है। घर के बाहर रहने पर ऊंची जमीन या अलग-थलग पेड़ों से बचते हुए सुरक्षित स्थान पर आश्रय लें।

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