झारखंड और दिल्ली पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन: अलकायदा से जुड़े 16 संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी, हथियार और दस्तावेज बरामद

झारखंड और दिल्ली पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन: अलकायदा से जुड़े 16 संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी, हथियार और दस्तावेज बरामद

रांची/दिल्ली: झारखंड एटीएस और दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गुरुवार को संयुक्त ऑपरेशन के तहत रांची, हजारीबाग और लोहरदगा में 16 स्थानों पर छापेमारी की। इस अभियान में आठ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया और कई हथियार, लैपटॉप, मोबाइल फोन, और संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

रांची के मेडिका अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट डॉ. इश्तियाक अहमद को रांची के जोड़ा तालाब स्थित उनके अपार्टमेंट से पकड़ा गया। डॉ. इश्तियाक अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) आतंकी संगठन का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, जो भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने की योजना पर काम कर रहा था।

एटीएस ने चान्हो के छह स्थानों पर छापेमारी की, जहां चार लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि तीन संदिग्धों को पकड़ने में असफल रही। हिरासत में लिए गए संदिग्धों में बलसोकरा का मो. मोदब्बीर, मो. रिजवान, चटवल का मुफ़्ती रहमतुल्लाह मजहिरी और पिपराटोली का मतिउर रहमान शामिल हैं। एनामुल अंसारी और शहबाज को घर पर नहीं पाया गया, जिनकी जानकारी अनुसार एनामुल दिल्ली में परीक्षा देने गया है और शहबाज तबलीगी जमात में शामिल होने गया है।

हजारीबाग के लोहसिंघना चौक से फैजान अहमद (45) को हिरासत में लिया गया। फैजान को डॉ. इश्तियाक का करीबी सहयोगी माना जा रहा है और पिछले एक साल से वे आपस में संपर्क में थे। फैजान का एक बेटा मानसिक रूप से विकलांग है, जिसका इलाज डॉ. इश्तियाक कर रहा था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान और यूपी से आठ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनमें से सात संदिग्धों को राजस्थान के भिवाड़ी में ऑपरेशन चौपानकी के तहत गिरफ्तार किया गया, जबकि एक संदिग्ध को यूपी से पकड़ा गया। भिवाड़ी के पहाड़ी इलाकों में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार संदिग्धों से बड़ी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद किया गया है।

जयुपर रेंज के आईजी अनिल कुमार टांक ने बताया कि गिरफ्तार किए गए संदिग्ध विभिन्न राज्यों से हैं और भिवाड़ी से उनका कोई सीधा संबंध नहीं है। ये लोग वहां एक मकान में रह रहे थे और प्रशिक्षण ले रहे थे।

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि अलकायदा से जुड़े ये लोग युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए उन्हें भर्ती करने का प्रयास कर रहे थे।

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