रांची: :JSBCL में मैनपावर और उत्पाद टेंडर घोटाले को लेकर ACB की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच के दौरान JSBCL के एक वरिष्ठ लेखा अधिकारी ने स्वीकार किया है कि मैनपावर और शराब आपूर्ति से जुड़े टेंडर पूर्व नियोजित थे और इनकी पूरी प्रक्रिया पर तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे का सीधा नियंत्रण था।
लेखा अधिकारी ने बताया कि चौबे के प्रतिनिधि के रूप में सिद्धार्थ सिंघानिया नामक व्यक्ति पूरी टेंडर प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल था। पहले से तय कंपनियों — जैसे कि सीएसएमएल और प्लेसमेंट एजेंसी प्रा. लि. — को टेंडर दिए गए। इस प्रक्रिया में तत्कालीन एमडी की आपत्ति को नजरअंदाज कर फर्जी कारण बताओ नोटिस (शोकॉज नोटिस) जारी किए गए और टेंडर की बोली दरों में मनमानी की गई।
नकद लेन-देन, फर्जी दस्तावेजों का भी खुलासा
GM रैंक के एक अधिकारी ने ACB को दिए बयान में कहा है कि इस पूरे भ्रष्टाचार की निगरानी स्वयं विनय चौबे कर रहे थे। उन्होंने खुलासा किया कि नकद में बड़ी राशि गैर-आधिकारिक माध्यमों से स्थानांतरित की गई और फर्जी दस्तावेजों, नकली बैंक गारंटी तक का उपयोग किया गया।
पूरे सिस्टम में झूठे प्लेसमेंट एजेंसियों के दस्तावेज, विभागीय फाइलों में छेड़छाड़ और तय वित्तीय प्रक्रियाओं की अनदेखी आम बात थी। ऐसे अधिकारी जो इस भ्रष्टाचार का विरोध करते थे, उन्हें किनारे कर दिया जाता था।
एसीबी को स्पष्ट संकेत: यह भूल नहीं, योजनाबद्ध घोटाला था
जांच में शामिल कई अधिकारियों ने ACB को दिए अपने बयान में कहा है कि विनय चौबे न सिर्फ इस घोटाले में शामिल थे, बल्कि उन्होंने ही इसकी पूरी योजना बनाई और निर्देश दिए। अन्य अधिकारी सिर्फ उनके आदेशों का पालन कर रहे थे।
इस खुलासे से साफ है कि यह भ्रष्टाचार किसी व्यक्तिगत स्तर की चूक नहीं, बल्कि एक संगठित और योजनाबद्ध घोटाला था, जिसे सिस्टम के शीर्ष स्तर से अंजाम दिया गया।