रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने जूनियर इंजीनियर नियुक्ति मामले में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को 13 सीट रिजर्व रखने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका लंबित रहने के दौरान प्रार्थियों के नाम पर 13 सीटें रिजर्व रखी जाएं। अदालत ने जेएसएससी को इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है।
अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत में प्रार्थियों की ओर से पक्ष रखते हुए बताया कि जूनियर इंजीनियर की नियुक्ति नियमावली एवं विज्ञापन में स्पष्ट लिखा है कि अंतिम रूप से सफल चयनित अभ्यर्थियों को ही दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा। हालांकि, कई ऐसे अभ्यर्थियों का रिजल्ट मार्च में जारी हुआ था, जिनकी विभाग में नियुक्ति भी हो चुकी है। ये अभ्यर्थी विभाग में कार्य भी कर रहे हैं, लेकिन उनका रिजल्ट सितंबर माह में फिर से जारी किया गया है।
अधिवक्ता ने यह भी बताया कि अनारक्षित कैटेगरी में सफल हुए अभ्यर्थियों को आरक्षित वर्ग में समायोजित करके चॉइस विभाग में भेज दिया गया है, जिससे कई आरक्षित कैटेगरी के अभ्यर्थी बाहर हो रहे हैं, जो नियम संगत नहीं है।
इस याचिका के लंबित रहने के दौरान, जेएसएससी ने 28 में से 15 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया है। अदालत के आदेश के बाद जेएसएससी को 13 सीटें रिजर्व रखने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में जूनियर इंजीनियर के 1268 पदों पर नियुक्ति को लेकर जेएसएससी ने 2023 में विज्ञापन निकाला था। परीक्षा नियमावली के तहत अंतिम रूप से सफल अभ्यर्थियों को ही दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया जाना है।