रांची : जेल में बंद पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के पास से पैसे बरामद होने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान जस्टिस एसके द्विवेदी ने इस मामले से स्वयं को अलग कर लिया.
उन्होंने इस मामले को दूसरे बेंच में भेजने का निर्देश दिया है.
बता दें कि वर्ष 2019 में हजारीबाग जेल में छापेमारी के दौरान प्रभुनाथ सिंह के
पास से 75 हजार बरामद हुए थे. जिसको लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
उक्त प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग को लेकर
हाईकोर्ट में उनकी ओर से याचिका दाखिल की गई.
बता दें कि पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह पर मशरख विधायक अशोक सिंह हत्या मामले का दोष सिद्ध हुआ.
18 मई, 2017 को कोर्ट में दोषी करार दिये जाने के बाद 23 मई, 2017 से
जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
वर्ष 1995 में तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की उस समय बम फेंक कर हत्या कर दी गयी थी
जिस समय वह अपने सरकारी आवास पर लोगों से मिल रहे थे.
दरअसल, हजारीबाग कोर्ट ने अशोक सिंह हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत के आदेश के खिलाफ प्रभुनाथ सिंह की ओर से अपील याचिका दाखिल की गई है.
बता दें कि वर्ष 1995 में मशरख विधायक अशोक सिंह की उस समय बम मारकर हत्या कर दी गई, जब वे अपने सरकारी आवास पर लोगों के साथ बैठे थे. घटना के बाद उनकी पत्नी चांदनी देवी ने पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाइयों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई. इस मामले में हजारीबाग अदालत ने प्रभुनाथ सिंह सहित तीनों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. फिलहाल तीनों भाई हजारीबाग जेल में बंद है.
रिपोर्ट : प्रोजेश दास