खरसावां दे रहा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि

SARAIKELLA: आज झारखंड अपने गुमनाम शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है. खरसावां के ऐतिहासिक शहीद स्थल पर राज्य के कोने- कोने से लोग खरसावां गोलीकांड में मारे गए शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं. बता दें कि आज ही के दिन 1948 को खरसावां गोलीकांड की घटना हुई थी. आजाद भारत के इतिहास का सबसे भीषण गोलीकांड जिसमें मरने वालों की तादाद कितनी थी, इसका स्पष्ट आंकड़ा किसी के पास नहीं है.

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खरसावां गोलीकांड की 75वीं बरसी

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आज खरसावां गोलीकांड का 75 वीं बरसी के मौके पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पहुंचे और खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा नेताओं के साथ खरसावां अर्जुन वाटिका से पदयात्रा करते हुए समाधि स्थल तक पहुंचे और पारंपरिक रीति रिवाज के साथ खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

इस दौरान उनकी धर्मपत्नी मीरा मुंडा भी मौजूद रहीं. खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा एक तरफ देश आजादी का जश्न मना रहा था दूसरी तरफ खरसावां की धरती रक्तरंजित हुई थी, तब देश में कांग्रेस का शासन था. निरीह आदिवासियों पर गोलियों की बौछार की गई थी. उन्हें आज भी उस घटना को याद कर पीड़ा होती है.


अर्जुन मुंडा के प्रयास से बना था ऐतिहासिक समाधि स्थल


केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा जब मुख्यमंत्री थे तब यहां के लोगों के सहयोग से खरसावां शहीद स्थल को ऐतिहासिक स्मारक बनाने का काम किया गया. जहां आज हजारों हजार की संख्या में राज्य के कोने- कोने से लोग शहीदों को श्रद्धांजलि देने आते हैं. वहीं खरसावां गोलीकांड के शहीदों के चिन्हीतीकरन को लेकर बनाए गए आयोग की कार्यशैली पर केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा यह जानकर दुख हुआ, कि शहीदों, आंदोलनकारियों के नाम पर आयोग द्वारा पैसे लिए जा रहे हैं. राज्य सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.


‘700 से अधिक आदिवासी समुदाय महान विरासत का कर रहे पालन’

उन्होंने कहा देश भर में 700 से अधिक आदिवासी समुदाय

महान विरासत का आज भी पालन कर रहे हैं. उनके कार्यकाल में देशभर में आदिवासियों के लिए 740 आदर्श विद्यालय खोले जा रहे हैं,

ताकि आदिवासी समाज को आगे ले जाने का काम किया जा सके.

उन्होंने कहा वन अधिकार कानून के तहत यहां के

आदिवासियों को ज्यादा संवैधानिक अधिकार देने का

काम किया जा रहा है. आदिवासियों के शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी

अधिकारों की रक्षा को लेकर कानूनी अधिकार दिए जा रहे हैं.

उन्होंने खरसावां गोलीकांड के शहीदों को नमन करते हुए

कहा कि आदिवासी जनजातीय समुदाय ने देश की आजादी

में भी कुर्बानी दी और आजादी के बाद भी, जिन्हें कभी भुलाया

नहीं जा सकता. आज का दिन सभी के लिए संकल्प लेने का दिन है.

रिपोर्ट: बिपिन मिश्रा

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