Hazaribagh: आतंकियों को पनाह देने के आरोप में जमालुद्दीन उर्फ नासिर को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है है। हजारीबाग प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार की कोर्ट ने यह आदेश दिया है। यह मामला साल 2002 का है।
23 साल सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। नासिर पर सदर थाना अंतर्गत खिरगांव इलाके में छिपकर रह रहे लस्कर-ए-तोएबा के दो आंतकवादियों को पनाह देने का आरोप लगा था। पुलिस चार्जशीट में नासिर को आरोपी बनाया गया था।
Hazaribagh: जमालुद्दीन इस जेल में है बंद
नासिर पर चार्जशीट में आंतकवादियों को शहर के खिरगांव क्षेत्र में भाड़े का कमरा उपलब्ध कराने का आरोप था। नासिर वर्तमान में प्रेसीडेंसी करेक्शनल जेल कोलकाता में 10.08.2015 से बंद है। कोर्ट के आदेश के बाद परिजनों ने खुशी जताई है।
शशांक शेखर की रिपोर्ट
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