सीवान : बिहार के लाल ने कमाल कर दिया. धनतेरस के दिन बिहार के लाल
शाश्वत सृजन को इसरो से ज्वाइनिंग लेटर मिला है.
इसकी इस सफलता से सीवान ही नहीं पूरे राज्य का मान बढ़ा है.
कहा जाता है कि कड़ी मेहनत, बुलंद हौसले के साथ दिल दिमाग़ में
पलने वाले लक्ष्य को हासिल करने की दृढ इक्षाशक्ति हो तो सृजन होता है.
ऐसी सफलता का जो दूसरे के लिए भी प्रेरणादायक होती है. ऐसी ही सफलता हासिल किया है शाश्वत सृजन ने.
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी से शास्वत सृजन ने किया बीटेक
सिवान के रामदेव नगर निवासी विजय कुमार सिंह एवं स्वर्गीय श्रीमती लीलावती सिंह के पौत्र तथा हेमंत कुमार और डॉक्टर श्वेता सिंह के पुत्र शास्वत सृजन को उसकी अथक परिश्रम का फल धनतेरस के दिन यानी 22 अक्टूबर को मिला, जब इसरो द्वारा भेजा गया साइंटिस्ट के रूप में ज्वाइनिंग लेटर उसे मिला. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी से बी टेक करने के बाद से ही ये उम्मीद जगी थी कि जल्द ही शाश्वत भी इसरो के रिसर्च टीम का हिस्सा होगा.
बचपन से ही मेधावी रहे शाश्वत सृजन
धनतेरस के पर शाश्वत को इसरो की तरफ से ज्वाइनिंग लेटर मिला, तो घर में खुशियों के दीप जल उठे. शाश्वत सृजन ने अपनी पढ़ाई क्लास 1 से 8वीं तक डीएवी शताब्दी पब्लिक स्कूल कंधवारा सीवान से की. वहीं 9वीं से 12वीं तक डीएवी पब्लिक स्कूल कैंट रोड खगौल से की. बचपन से ही मेधावी रहे शाश्वत सृजन का सपना साइंटिस्ट बनना था जिसे उसने प्राप्त किया है.
परिवार में खुशी की लहर
सृजन का ज्वाइनिंग लेटर मिलने के बाद उसकी बहन स्तुति सृजन की खुशी का ठिकाना नही है. वहीं शाश्वत के नाना नानी शंकर प्रसाद सिंह और विद्यावती देवी के लिए ये दिवाली कुछ ज्यादा जगमग हो गयी है. हो भी क्यों न उनका शाश्वत अब साइंटिस्ट के रूप में देश की सेवा में जो जा रहा है.
रिपोर्ट: विजय