रांची : नावाबाजार के पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव की आत्महत्या मामले ने तूल पकड़ लिया है. बुधवार की शाम लालजी यादव का शव पोस्टमार्टम के लिए रिम्स लाया गया था. लेकिन पलामू एसपी के द्वारा बिना डॉक्टर की टीम बनाए हुए ही पोस्टमार्टम कर दिए जाने के विरोध में उनके परिवार वालों के द्वारा फिर से पोस्टमार्टम करने की बात कही गई थी. उन्हें रांची भेज दिया गया था. रांची आने के बाद पलामू एसपी के द्वारा लिखित नहीं दिए जाने की वजह से पोस्टमार्टम नहीं हो पाया. परिवार वाले द्वारा काफी हंगामा किए जाने के बाद परिवार वाले डेड बॉडी को लेकर वापस साहेबगंज चले गए हैं. बता दें कि 11 जनवरी से ही लोग थाना प्रभारी को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं. वहीं एनएच-98 को जाम भी कर दिया था. आंदोलित लोगों में पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा के प्रति खूब गुस्सा था. उनके खिलाफ नारेबाजी तक की. 2012 बैच के दारोगा लालजी यादव की मौत के लिए पलामू एसपी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था.
बता दें कि पलामू में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दारोगा लालजी यादव के आत्महत्या पर कई सवाल उठाए और उच्च स्तरीय जांच की मांग की. वहीं लालजी यादव के परिजनों ने भी पलामू एसपी, डीटीओ समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ डीआईजी को आवेदन दिया है.
रिपोर्ट : प्रतीक सिंह
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