रांची : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद आज दोपहर विमान से रांची पहुंचेंगे. उनके साथ राज्यसभा सांसद मीसा भारती, बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, प्रदेश प्रभारी जयप्रकाश यादव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी व महासचिव श्याम रजक भी मौजूद रहेंगे. चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में रांची का सीबीआई कोर्ट 15 फरवरी को फैसला सुनाएगा. सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को इस दिन सशरीर अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है. लालू प्रसाद इस मामले के आरोपी हैं. इसी सिलसिले में वह रांची पहुंच रहे हैं. लालू प्रसाद के रांची आगमन को लेकर राजद की ओर से भी तैयारी की जा रही है. पार्टी कार्यकर्ता एयरपोर्ट पहुंच कर उनका स्वागत करेंगे.
प्रसिद्ध चारा घोटाला के एक मामले में 15 फरवरी को अहम फैसला आने वाला है. डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में रांची की सीबीआई कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया जाएगा. यह फैसला राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के लिए बहुत अहम है.
बता दें कि अपने जमाने में चारा घोटाला बिहार का सबसे बड़ा घोटाला था. उस समय झारखंड भी बिहार में शामिल था. बिहार-झारखंड के कई जिलों के कोषागारों से पशु चारा के नाम पर 950 करोड़ रुपए की अवैध निकासी हुई थी. यह घोटाला 1996 में हुआ था. लालू प्रसाद यादव को इसकी वजह से सीएम की कुर्सी भी गंवानी पड़ी थी. वे जेल भी भेजे गये थे. इस मामले में पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा पर भी आरोप लगे थे. बिहार का चारा घोटाला पूरे विश्व में मीडिया की सुर्खियों में शुमार हुआ था.
लालू प्रसाद सहित 99 आरोपियों की किस्मत का फैसला
चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले (डोरंडा कोषागार) में लालू प्रसाद सहित 99 आरोपियों की किस्मत का फैसला 15 फरवरी को सीबीआई कोर्ट के द्वारा सुनाया जाएगा. इस दिन सभी आरोपियों को कोर्ट ने अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है. लालू प्रसाद यादव भी कोर्ट में हाजिर रहेंगे, जहां उनके भाग्य का फैसला होगा.
सीबीआई की ओर से पेश किए गए गवाहों ने की पुष्टि
बता दें कि चारा घोटाला 1990 से 1996 के बीच का मामला है. तब पशुपालन विभाग में अवैध निकासी अपने चरम पर थी. इस घोटाले का मास्टरमाइंड एसबी सिन्हा को माना जाता है. सीबीआई की ओर से पेश किए गए गवाहों ने इसकी पुष्टि की है. एक प्रमुख गवाह आरके दास ने कहा कि एक बार वह एसबी सिन्हा के आवास गए हुए थे, जहां लालू प्रसाद यादव और आरके राणा, एसबी सिन्हा के बेडरूम से निकल रहे थे. उनके हाथ में काली पॉलीथिन थी, लालू यादव के हाथ में जो पॉलिथीन थी, वह फट गई और उसमें से नोटों का बंडल नीचे गिर पड़ा. आरके राणा ने रुपए को जल्दी से समेट कर उठा लिया.
जांच से बचते रहे लालू प्रसाद यादव
सीबीआई के अधिवक्ता के मुताबिक दिल्ली के कुछ कंपनियों के द्वारा सांड, हाइब्रिड बछिया, भैंस, भेड़ और बकरा आदि पशुओं की आपूर्ति की थी. इसके एवज में उन्होंने बॉक्स में भरकर करोड़ों रुपए पटना लाए थे. इसलिए सीबीआई कह रही थी कि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सब कुछ जानते हुए भी जांच से बचते रहे. उस समय पशुपालन मंत्री रामजीवन सिंह ने सीबीआई जांच की अनुशंसा करते हुए फाइल मुख्यमंत्री को भेज दी थी.
चारा घोटाले की कहानी यह है कि लाखों टन पशु चारा मोटरसाइकिल, स्कूटर, मोपेड आदि नन कमर्शियल व्हीकल से लाया गया था. इसके लिए देश के सभी राज्यों से करीब 150 डीटीओ-आरटीओ को गवाह बनाया गया है.
फर्जी बिल के आधार पर निकासी
सीबीआई जांच में यह भी पाया गया कि पशुपालन विभाग के बजट से 229 प्रतिशत अधिक खर्च किया गया था तथा फर्जी बिल के आधार पर निकासी की जाती थी. सीबीआई के दस्तावेजों के अनुसार दिल्ली की कुछ एजेंसियों से 16.4 लाख रुपए के 213 सांड और 65 बछिया झारखंड लाया गया था. इसके अलावा 84.93 लाख रुपए का बछिया और हाइब्रिड भैंस और 27.48 लाख रुपए के भेड़ और बकरे लाए गए थे. जिसकी आपूर्ति स्कूटर और मोपेड से हुई थी.
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