Land Survey: सरकार ने लॉक किया हजारों एकड़ जमीन, राजद आंदोलन के मूड में…

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पटना: बिहार में भूमि सर्वेक्षण (Land Survey) का काम चल रहा है और इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि सरकार ने हजारों एकड़ जमीन का खाता खेसरा लॉक कर दिया है। खाता खेसरा लॉक करने का मतलब है कि अब कोई भी व्यक्ति इन जमीनों की खरीद बिक्री नहीं कर सकते हैं। सरकार ने लाखों एकड़ जमीन का खाता-खेसरा लॉक कर दिया है।

मामले में सरकार का कहना है कि लॉक की गई सारी जमीने पूर्व के सर्वे में सरकारी जमीन थी जिसे बाद में गलत तरीके से बेच दिया गया है या उस पर अवैध तरीके से कब्ज़ा कर लिया गया है। सरकार के बयानों के अनुसार लॉक की गई जमीनें कागजात दिखा कर अनलॉक करवाई जा सकती हैं। वहीं मामले में विपक्षी पार्टी राजद ने राज्य सरकार पर बड़ा हमला किया है और आंदोलन की तैयारी कर रही है।

क्या है जमीन सर्वे

बिहार में भूमि विवादों की संख्या देखते हुए राज्य सरकार भूमि सर्वे करवा रही है। भूमि सर्वे का मुख्य उद्देश्य है कि यह साफ करना है कि जमीनें उसके असली मालिक के अधिकार में ही है। ऐसे में जिस जमीन पर कब्ज़ा करने वाले के पास कागजात नहीं होगा उन्हें कागजात प्रस्तुत करने का समय दिया जा रहा है। सरकार का पक्ष है कि भूमि सर्वे से अधिकतम भूमि विवादों का निपटारा हो जायेगा और जमीनों पर उसके असली मालिक का कब्ज़ा होगा। इतना ही नहीं जमीनों पर अवैध तरीके से कब्ज़ा भी हटेगा साथ ही सरकारी जमीनों पर से भी अवैध कब्ज़ा हटेगा।

हर जिलों में लॉक किया गया दस से पंद्रह हजार खाता खेसरा

जानकारी के अनुसार हर जिलों में करीब दस से पंद्रह हजार खाता खेसरा यानि करीब बीस से पच्चीस हजार एकड़ जमीन को लॉक कर दिया गया है। लॉक करने का मतलब है कि कोई भी इन जमीनों की खरीद बिक्री नहीं कर पायेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि जिले स्तर पर जमीन लॉक करने का काम किया जा रहा है साथ ही जिले स्तर पर ही कमिटियां गठित की गई है जो आपत्तियों का भी निपटारा कर रहा है।

जमीन का खाता खेसरा इसलिए लॉक किया गया है कि वे पहले के सर्वे में सरकारी जमीन थी और अब उसकी खरीद बिक्री की जा रही है तो अंदेशा है कि गलत तरीके से खरीद बिक्री की गई है। लॉक किये गए जमीन का कागज दिखाने के बाद उसे अनलॉक कर दिया जायेगा। दीपक सिंह ने बताया कि जमीन के मालिकाना हक़ रखने वाले लोगों को 90 दिनों के अंदर तीन बार आपत्ति दाखिल करने का मौका दिया जा रहा है। 90 दिन बाद जिला ट्रिब्यूनल में जा सकते हैं। अगर कोई जमीन गलती से लॉक की गई है तो दस्तावेज दिखाने के बाद अनलॉक करवाया जा सकता है।

राजद है हमलावर

राजद इस बात को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है। राजद का कहना है कि हर जिले में दस से पंद्रह हजार खाता खेसरा लॉक किया गया है। इससे लोग काफी परेशान हैं। कुछ लोग मामले में कोर्ट चले गए हैं और एक एक कर अगर सभी कोर्ट जाने लगे तो फिर सोचिये राज्य के न्यायालयों पर कितना दबाव होगा। राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि हर जिले में दस से पंद्रह हजार खाता खेसरा लॉक किया गया है।

जमीन सरकारी संपत्ति है इसका यह मतलब नहीं है कि सरकार ही उसका मालिक है। सरकार को जमीन का प्रकृति तय करना है और उसके दुरूपयोग पर अंकुश लगाना है। सरकार के इस कदम से किसान डरे और सहमे हुए हैं। किसानों को लग रहा है कि सरकार उद्योगपतियों को जमीन देने के लिए लैंड बैंक बना रही है। अगर सरकार को लगता है कि किसी जमीन पर अवैध कब्जा है या गलत तरीके से खरीदा बेचा गया है तो उसके लिए अलग से क़ानूनी प्रक्रिया है।

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