भोजपुरी मगही के खिलाफ भाजपा सांसदों ने खोला मोर्चा, कुड़मी को अनुसूचित जाति घोषित करने की मांग 

Giridih-गिरीडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो और पुरुलिया सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलकात कर मगही, भोजपुरी, अंगिका और मैथिली को झारखंड से क्षेत्रीय भाषा की श्रेणी से हटाने और नौ जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा की श्रेणी में शामिल करने की मांग की है.

कुड़मी को अनुसूचित जाति घोषित करने की मांग 

सांसदों ने राष्ट्रपति से झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा की टोटेमिक कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने आग्रह किया. सांसदों ने राष्ट्रपति को  इस बात से अवगत करवाया कि 1913 से 1931 टोटेमिक कुड़मी अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल था, लेकिन 1950 में राजनीति कारणों से टोटेमिक कुड़मी को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से हटा दिया गया. इसके साथ ही राष्ट्रपति से सातवीं लेकर दसवीं जेपीएससी में अनियमितता की शिकायत करते हुए  इसकी उच्च स्तरीय जांच करते हुए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 317 के तहत दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की.

पिछड़ी जातियों के लिए 27 फीसद आरक्षण की मांग

राष्ट्रपति से झारखंड में पिछड़ी जातियों के लिए 27 फीसद आरक्षण की मांग करते हुए कहा कि झारखंड में पिछड़ी जाति की आबादी 55 फीसदी है लेकिन उस अनुपात में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है.

रिपोर्ट- मनोज कुमार 

 

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