गया : बिहार के गया में रेलवे लाइन किनारे भगवान भोलेनाथ का अद्भुत शिवलिंग हैं। इन्हें लाइनेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्धी है। यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। लोगों की आस्था यहां से काफी है। श्रद्धालुओं का मानना है कि लाइनेश्वर महादेव हर मन्नत कों पूरा करते हैं।
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सदियों पुराना है लाइनेश्वर महादेव शिवलिंग
गया में रेलवे लाइन के किनारे भव्य व चमत्कारिक शिवलिंग है। यह शिवलिंग आपरुपी स्थापित बताई जाती है। यहां भगवान भोलेनाथ के इस शिवलिंग रूप को भक्त लाइनेश्वर महादेव के नाम से जानते हैं। लाइनेश्वर महादेव की कृपा एकदम से निराली है। मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ के दरबार में जो भक्त आते हैं, वह खाली हाथ नहीं लौटते हैं। यही वजह है कि यहां श्रावण मास और महाशिवरात्रि जैसे खास दिनों के अलावे अन्य दिनों में भी शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
रेलवे लाइन पर आपरूपी प्रकट हुई थी शिवलिंग
यह शिवलिंग सदियों पुराना है। यहां कई पुश्त से लोग शिवलिंग के दर्शन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पहले शिवलिंग रेलवे लाइन पर थी। इस शिवलिंग को उखाड़ने का प्रयास किया गया, किंतु असफल रहे। लोगों ने काफी मन्नत की। भगवान भोलेनाथ को मनाया। पूजा अर्चना की और मंदिर बनाने की कसम खाई, तब जाकर शिवलिंग रेलवे लाइन से खिसकने लगी। धीरे-धीरे खिसकते-खिसकते यह शिवलिंग रेलवे लाइन के ठीक बगल में आ गई और अब रेलवे लाइन और शिवलिंग के बीच तीन मीटर का फासला है। पहले लोग जहां परिक्रमा करते थे तो उनकी परिक्रमा इसलिए पूरी नहीं होती थी, क्योंकि घूमने के लिए जगह नहीं थे। लाइनेश्वर महादेव तीन मीटर के करीब खिसके और अब भक्तों के लिए काफी जगह है। भक्त बैठ भी सकते हैं और उनकी परिक्रमा भी कर सकते हैं।
भगवान की अद्भुत चमत्कार है
गया रेलवे के दोहरीकरण में पूरी लाइन उत्तर दिशा में बनी सिर्फ यही पर दक्षिण दिशा में यह भगवान की अद्भुत चमत्कार यह है, कि जब गया रेलवे लाइन का दोहरीकरण का कार्य चल रहा था। उत्तर दिशा में गया-क्यूल रेलवे लाइन का दोहरीकरण पूरी तरह से उत्तर दिशा में हुआ। गया के वजीरगंज में पूरा स्टेशन के समीप रेलवे स्टेशन के समीप रहे। भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को देखते हुए रेलवे लाइन का दोहरीकरण यहां पर दक्षिण दिशा में तब्दील हुआ रेलवे ने भू वैज्ञानिकों को बुलाया था।
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लाइनेश्वर महादेव की कृपा अपरंपार है – सीमा कुमारी
वहीं भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग के दर्शन करने आई सीमा कुमारी ने बताया कि लाइनेश्वर महादेव की कृपा अपरंपार है। इनकी महिमा इतनी है कि यहां से जो मांगों वह मिल जाता है। पहले हमारे पास कुछ नहीं था। ससुर खर्च देते थे तो घर का गुजारा होता था। किंतु जब से यहां शिवलिंग के दर्शन किए। उसके बाद से सारी स्थिति सामान्य हो गई। आज मेरा बेटा इंजीनियर है, वही मेरी बेटी वैज्ञानिक है। वहीं अनुपम कुमार श्रवण बताते हैं कि लाइनेश्वर महादेव अद्भुत शिवलिंग के रूप में विराजमान है यहां के कई चमत्कार किस्से सुने-कहे जाते हैं। यह बताते हैं कि पहले रेलवे के द्वारा जब इसे उखाड़ने का प्रयास किया गया, तो शिवलिंग उखड़ नहीं पाई थी। इसके बाद भू वैज्ञानिक को लाया गया, जिन्होंने अपने मशीनरी से चेक किया तो यहां पर पानी ही पानी निकला। इसके बाद इस शिवलिंग को हटाने का विचार त्याग दिया गया. यहां पर समुद्र का कनेक्शन बताया जाता है।
भगवान भोलेनाथ की पूजा शुरू की, तो सब कुछ हमें मिल गया – पार्वती देवी
पूजा करने आई पार्वती देवी बताती हैं कि पहले हमारी कोई संतान नहीं थी, लेकिन भगवान भोलेनाथ की पूजा शुरू की, तो सब कुछ हमें मिल गया। हमें संतान की प्राप्ति हो गई। हम लोग इसलिए यहां रोज आते हैं, क्योंकि भगवान की हम पर कृपा बनी हुई है। भगवान हमारी मन्नतें पूरी करते हैं मंदिर के सेवक चुनचुन कुमार बताते हैं कि पहले यह शिवलिंग रेलवे लाइन पर था। ये लाइनेश्वर महादेव के नाम से जाने जाते है। यह सदियों पुराना शिवलिंग है। कई पुश्तों से लोग महादेव के स्वरूप को देख रहे हैं। महादेव सब पर कृपा करते हैं। पहले यह शिवलिंग रेलवे लाइन पर था धीरे-धीरे खिसक खिसककर लाइन से नीचे की ओर आया और अब यह स्थिर हुआ है। कई मीटर यह शिवलिंग सैकड़ों सालों में खिसका है और अब रेलवे लाइन से गैपिंग अच्छी खासी हो गई है।
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आशीष कुमार की रिपोर्ट