शराब घोटाला मामला: ACB ने जमशेदपुर DC कर्ण सत्यार्थी को भेजा नोटिस, गुरुवार को होगी पूछताछ

झारखंड शराब घोटाले में एसीबी ने डीसी कर्ण सत्यार्थी को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले डीसी फैज अक अहमद से भी पूछताछ हो चुकी है।


शराब घोटाला मामला: ACB ने जमशेदपुर DC कर्ण सत्यार्थी को भेजा नोटिस, गुरुवार को होगी पूछताछ

शराब घोटाला मामला रांची: झारखंड शराब घोटाला मामले में जांच फिर से तेज हो गई है। एसीबी ने मंगलवार को तत्कालीन उत्पाद आयुक्त और वर्तमान में जमशेदपुर डीसी कर्ण सत्यार्थी को नोटिस भेजते हुए गुरुवार को पूछताछ के लिए मुख्यालय में तलब किया है। जांच टीम को पहले मिली जानकारी के अनुसार घोटाले के दौरान दो अधिकारियों ने गड़बड़ियों पर आपत्ति दर्ज की थी, लेकिन उन आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया गया था।

शराब घोटाला मामला

एसीबी ने अपने पहले चरण की जांच में पाया था कि तत्कालीन उत्पाद आयुक्त और वर्तमान रामगढ़ डीसी फैज अक अहमद तथा कर्ण सत्यार्थी ने विभागीय स्तर पर गड़बड़ियों की लिखित आपत्ति दर्ज करायी थी। उस समय दोनों अधिकारियों को गवाह के रूप में नोटिस भेजा गया था, लेकिन बाद में एसीबी ने यह निर्णय वापस ले लिया और बयान दर्ज नहीं हो सके।


Key Highlights:

  • झारखंड शराब घोटाले में एसीबी ने जमशेदपुर डीसी कर्ण सत्यार्थी को नोटिस जारी किया

  • गुरुवार को पूछताछ के लिए एसीबी मुख्यालय बुलाया गया

  • जांच में दो IAS अधिकारियों की आपत्ति पहले नजरअंदाज होने की बात सामने

  • डीसी फैज अक अहमद से सोमवार को दोबारा पूछताछ

  • पूर्व में दोनों को गवाह बनाने के निर्णय को एसीबी ने वापस ले लिया था


शराब घोटाला मामला

इस बीच, एसीबी ने सोमवार को डीसी फैज अक अहमद को दोबारा बुलाकर उनसे कई बिंदुओं पर जानकारी ली। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान उठाए गए कदमों और दर्ज की गई आपत्तियों से जुड़े विवरण एसीबी को सौंपे। जांच एजेंसी को यह संकेत मिले हैं कि अधिकारियों की प्रारंभिक आपत्तियों को विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया, जिससे आगे घोटाले को बढ़ावा मिला।

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अब एसीबी कर्ण सत्यार्थी से भी वही सवाल पूछने की तैयारी में है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि गड़बड़ी की शिकायतें कब और कैसे की गईं, और उन्हें अनदेखा करने के पीछे किसकी भूमिका रही। घोटाले की जांच में यह चरण बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि दोनों अफसरों के बयान से मामले की दिशा तय हो सकती है।

एसीबी ने संकेत दिए हैं कि पूछताछ का दायरा आगे और बढ़ सकता है तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को भी बुलाया जा सकता है। जांच टीम इस पूरे मामले में उन प्रक्रियागत चूकों की पहचान कर रही है, जिनके चलते करोड़ों रुपये का यह घोटाला सामने आया।

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