नवादा : बिहार में शराबबंदी का आठ साल बीत चुका है लेकिन शराब कारोबारी और शराब बेचने वाले इस कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण तरीके से शराबबंदी लागू किया था। शराबबंदी के बाद समय-समय पर कानून भी लागू किया गया। इन कानून के शराब बेचने वाले और शराब कारोबारी कानून मानते ही नहीं है। बता दें कि ताजा मामला नवादा जिला के कादिरगंज थाना का है। जहां गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी के क्रम में ग्राम पौरा से कुल 22583 लीटर विदेशी शराब, एक ट्रक, एक पिकअप एवं दो मोटरसाइकिल को नवादा पुलिस ने जब्त किया है।
बताते चलें कि बिहार के छपरा और सारण में बीते दिनों जहरीली शराब से तीन दर्जन से ऊपर मौतें हुई थी। इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी आलोक राज को आदेश दिया कि शराबबंदी को सख्त किया जाए। वहीं बात करें तो नवादा जिला से सटे झारखंड राज्य से आने वाली बड़ी वाहन और छोटी वाहन को रजौली समेकित जांच चौकी पर चेक किया जा रहा है। बड़ी बात तो यह है कि जांच चौकी पर वाहन को चेकिंग किया जा रहा है लेकिन शराब नवादा जिला में प्रवेश कर ही जाता है। अब शराब झारखंड से बिहार में कैसे प्रवेश कर रहा है। इसे तो खुद चेक पोस्ट पर वहां की चेकिंग करने वाले पुलिसकर्मी ही बता सकते हैं।
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अनिल कुमार की रिपोर्ट