1 दलबदल की घटनाएं: झामुमो में हालिया दलबदल ने राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित किया है। पूर्व बीजेपी विधायक केदार हाजरा और आजसू के पूर्व विधायक उमाकांत रजक का झामुमो में शामिल होना, एनडीए के लिए चिंता का विषय है। यह उन विधायकों की असंतोषजनक स्थिति को दर्शाता है जो पार्टी की दिशा से असहमत हैं।
2चुनाव की तारीखें: पहला चरण 13 नवंबर को होने जा रहा है। यह समय सभी राजनीतिक दलों के लिए रणनीतियों को अंतिम रूप देने का है। नामांकन प्रक्रिया 25 अक्टूबर तक चलने वाली है, जिससे दलों को अपने उम्मीदवारों की सूची तैयार करने का समय मिल रहा है।
3आचार संहिता लागू: चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद, प्रशासन ने अवैध धन और सामग्री के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। यह प्रक्रिया चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
4पुलिस की कार्रवाई: पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। हाल में 600 किलो से अधिक जावा महुआ शराब नष्ट की गई है, जो चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती है। पुलिस ने नकद धन की भी बरामदगी की है, जिससे चुनाव में पैसे के खेल को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।
5चुनाव की तैयारी: सभी दल सक्रिय हैं और चुनावी रैलियों, जनसंपर्क अभियान और प्रचार सामग्री के जरिए मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके तहत उनकी रणनीतियों का विस्तार किया जा रहा है।
6नक्सलवाद का खतरा: सारंडा में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में एक ग्रामीण की मौत ने सुरक्षा की स्थिति को चिंतित कर दिया है। यह घटना चुनावी माहौल में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही है।
7मौसम का प्रभाव: मौसम विभाग ने आगामी दिनों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। इससे कृषि गतिविधियों पर असर पड़ सकता है, जिससे किसानों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
8राजनीतिक गठबंधन: एनडीए के भीतर सीटों का बंटवारा तय हो चुका है। बीजेपी को 6, आजसू को 10 और जेडीयू को 2 सीटें मिलेंगी। लोजपा रामविलास को एक सीट मिलेगी। यह गठबंधन चुनावी रणनीतियों को मजबूत करता है।
9चुनाव आयोग की सजगता: चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े उपाय किए हैं। यह मतदाताओं के विश्वास को बनाए रखने में मदद करेगा।
10वोटरों की जागरूकता: राज्य में चुनावी जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य अधिकतम मतदान सुनिश्चित करना है।
11महिला उम्मीदवारों का बढ़ता संख्या: महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई दल महिला उम्मीदवारों की संख्या को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इससे राजनीति में विविधता आएगी।
12नौकरी और विकास के मुद्दे: युवा मतदाता रोजगार और विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ये मुद्दे चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
13शांति बनाए रखने के उपाय: चुनाव के दौरान शांति बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन ने विशेष योजनाएं बनाई हैं। इसमें सुरक्षा बलों की तैनाती और निगरानी शामिल है।
14आर्थिक हालात: राज्य की आर्थिक स्थिति चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। विकास के मुद्दों पर चुनावी चर्चा हो रही है, जिससे मतदाता की धारणा बन रही है।
15सामाजिक सुरक्षा योजनाएं: सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाएं भी चुनावी मुद्दों में शामिल हैं। ये योजनाएं मतदाताओं के बीच प्रभाव डाल सकती हैं।
16विपक्ष की रणनीतियां: विपक्षी दल सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं और जनता के बीच अपनी नीतियों को प्रचारित कर रहे हैं। यह चुनावी प्रचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
17रैलियों का आयोजन: राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के लिए रैलियों का आयोजन कर रहे हैं। ये रैलियां मतदाताओं को आकर्षित करने में मदद करती हैं।
18सामाजिक मुद्दे: राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे जैसे सामाजिक मुद्दों पर चुनावी चर्चाएं हो रही हैं। ये मुद्दे मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
19फंडिंग और धन का प्रवाह: चुनाव में धन की आमद और फंडिंग के स्रोतों पर निगरानी रखने की आवश्यकता है। इससे चुनाव में पारदर्शिता बढ़ेगी।
20राजनीतिक प्रचार: राजनीतिक दल अपने प्रचार में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म चुनावी प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
21वोटिंग प्रक्रिया: चुनाव के दिन वोटिंग प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि मतदाता आसानी से मतदान कर सकें।
22युवाओं की भागीदारी: युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में शामिल करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह उनकी राजनीतिक जागरूकता को बढ़ाने का एक प्रयास है।
23ध्वनि प्रदूषण के नियम: त्योहारों के दौरान ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विशेष नियम लागू किए गए हैं। इसका उद्देश्य शांति बनाए रखना है।