MANISH JAISWAL : मनीष जायसवाल ने अटल बिहारी वाजपेयी की इन पंक्तियों को अपने संबोधन में क्यों किया शामिल, पढ़ें

Manish Jaiswal

हजारीबाग लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी MANISH JAISWAL ने आज नामांकन से पहले जनसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने पीएम मोदी के तारीफों के पुल बांधे और इंडी गठबंधन पर कटाक्ष भी किया. इस दौरान मनीष जायसवाल ने अटल बिहारी वाजपेयी की कुछ पंक्तियां भी पढ़े.

मनीष जायसवाल ने कहा कि भारत ने पहली बार ऐसा पीएम देख रहा है जो रुद्राक्ष की माला पहनता है.इंडी गठबंधन का एक भी नेता अयोध्या नहीं गया, आचार्य प्रमोद ने हिम्मत की तो पार्टी ने उन्हें बाहर निकाल दिया.

मनीष जायसवाल ने जनसभा में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की एक कविता की कुछ पंक्तियां पढ़ी.

बाधाएं आती हैं आएं
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
निज हाथों में हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा.
कदम मिलाकर चलना होगा.

उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह करते हुए कहा कि इस चिलचिलाती धूप में भी हमें कदम से कदम मिलाकर चलना होगा. तभी 400 पार का नारा सफल होगा.

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