Montha Cyclone: चक्रवाती तूफान ‘मोन्था’ (Montha Cyclone) का असर झारखंड के पाकुड़ जिले में देखने को मिल रहा है। बीते 24 घंटों से क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ लगातार बारिश हो रही है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। धान की फसल कटनी के लिए तैयार थी, लेकिन तूफान के चलते खेतों में लगे धान की बालियां झुक गईं और कई जगह गिर भी गई हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
Montha Cyclone: कटनी से पहले खेतों में गिरा धान
किसानों ने बताया कि अगर मौसम सामान्य रहता, तो एक सप्ताह के भीतर धान की कटनी शुरू हो जाती। लेकिन तेज हवाओं और बारिश के कारण धान खेतों में ही गिर गया है। स्थानीय किसान रामलाल मंडल ने बताया कि अगर आने वाले दिनों में मौसम नहीं सुधरा, तो धान की फसल सड़ने का खतरा बढ़ जाएगा।
Montha Cyclone: किसानों में चिंता और असमंजस
धान के साथ-साथ इस तूफान ने अन्य फसलों को भी प्रभावित किया है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ेगा। किसानों का कहना है कि अगर आने वाले दिनों में मौसम में सुधार नहीं हुआ, तो फसल की उपज में भारी गिरावट आने की संभावना है।
वहीं चक्रवाती तूफान मोन्था (Cyclone Montha) ने आंध्र प्रदेश से टकराने के बाद तेलंगाना और ओडिशा में भी तबाही मचानी शुरू कर दी है। तेलंगाना के कई जिलों में तेज बारिश और आंधी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नालगोंडा जिले में एक स्कूल में पानी घुस गया, लेकिन प्रशासन की तत्परता से सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
Montha Cyclone: ओडिशा में भी दिखा मोन्था का असर
तूफान आज सुबह ओडिशा के गंजम जिले से टकराया। गंजम तट पर समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं और हवा की रफ्तार 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, लैंडफॉल के बाद भी अगले 6 घंटों तक चक्रवात का असर बना रहेगा।
Montha Cyclone: ओडिशा के आठ जिलों में अलर्ट
राज्य सरकार ने गंजम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नबरंगपुर जिलों में भारी बारिश और आंधी की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर हैं।
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