झारखंड के हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के बीजेपी सांसद मनीष जायसवाल अपनी कर्तव्य निष्ठा और प्रबंधन कौशल का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। व्यक्तिगत पारिवारिक हानि को भूलकर कर्तव्य प्रथम के सूत्र का पालनकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर वह पिछले एक महीने से पड़ोसी राज्य बिहार विधानसभा चुनाव के रण में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पक्ष में सक्रिय रूप से अपनी प्रबंधकीय कुशलता और नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं।
पिछले 3 नवंबर 2025 को सांसद मनीष जायसवाल के लिए एक तरफ गम तो दूसरी तरफ खुशी के साथ संगठन के दायित्व निर्वहन की परिक्षा की घड़ी रही, जब उनके बड़े चाचा युगल किशोर जायसवाल का आकस्मिक निधन हो गया, वहीं दूसरी ओर उनके प्रभार क्षेत्र मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के सहरसा के पटेल मैदान में कोशी क्षेत्र के सबसे बड़े चुनावी जनसभा में पीएम नरेंद्र मोदी का आगमन हो रहा था। सांसद मनीष जायसवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी के इस जनसभा को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बनाने के लिए खासा मशक्कत किया था। उन्होंने पारिवारिक हानि को भूलकर संगठन के हितार्थ मिली जिम्मेवारी का बखूबी निर्वहन किया और कर्तव्यनिष्ठता के मिसाल बनकर उभरे।
करीब एक महीने के चुनावी व्यस्तता के बावजूद सांसद मनीष जायसवाल सिर्फ दो दिन के लिए दीपावली पर अपने परिवार के बीच पहुंचे। इन दो दिनों में भी उन्होंने एक दिन पूर्णतः क्षेत्र वासियों के नाम समर्पित किया। वापसी से पहले उन्होंने हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के बरही विधानसभा क्षेत्र के महत्वपूर्ण छठ घाटों का निरीक्षण भी किया, ताकि महापर्व की तैयारियों में कोई कमी न रहें।
बिहार विधानसभा चुनाव की रण में सक्रिय भागीदारी में रहते हुए भी सांसद मनीष जायसवाल ने अपने संसदीय क्षेत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को विस्मृत नहीं किया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि क्षेत्र के विकास कार्य, घटना-दुर्घटनाओं पर त्वरित संज्ञान और जरूरतमंदों के सहयोग सहित अन्य विभिन्न गतिविधियां रुके नहीं। उन्होंने क्षेत्रवासियों से लगातार संवाद बनाए रखा, जो उनके क्षेत्र एवं क्षेत्रवासियों के प्रति दायित्व बोध को बखूबी दर्शाता है। चुनाव प्रचार के अतिव्यस्त कार्य करते हुए उन्होंने छठ महापर्व, गौशाला मेला और कार्तिक पूर्णिमा को विशेष रूप से याद किया और अपने सांसद प्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का सकारात्मक प्रयास किया। सांसद तीर्थ दर्शन महाअभियान, सांसद खेल महोत्सव के तहत चल रहे नमो फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन भी निर्बाध रूप से जारी रखा। इतना ही नहीं, उन्हें अपने बड़े पापा के निधन के पश्चात उनका अंतिम दर्शन तक करने का मौका नहीं मिल पाया। यह उनके कर्तव्य को सर्वोपरि रखने की भावना को दर्शाता है।
बिहार विधानसभा चुनाव में सांसद मनीष जायसवाल को मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के प्रभार का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें कुल छः विधानसभा क्षेत्र आते हैं। मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आलमनगर, बिहारीगंज, मधेपुरा, सोनवर्षा, सहरसा एवं महिषी विधानसभा क्षेत्र हैं। मधेपुरा में चुनाव प्रचार थम गया और पहला चरण का मतदान 6 नवंबर को है। पिछले 6 अक्टूबर 2025 को सांसद मनीष जायसवाल बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कूच किए थे। तब से सिर्फ दो दिन के लिए ही क्षेत्र लौटे। उन्होंने अपने इस एक महीने के दौरान प्रभार क्षेत्र के विधानसभा के एनडीए समर्थित प्रत्याशियों और एनडीए संगठन के नेताओं-कार्यकर्ताओं से समन्वय स्थापितकर बूथ मजबूती और जनता के बीच एनडीए के पक्ष में विशेष रुझान लाया।
बिहार विधानसभा चुनाव में सांसद मनीष जायसवाल की यह सक्रियता न केवल एक कुशल प्रबंधक, बल्कि एक जनसेवक के रूप में उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो व्यक्तिगत सुख और हानि से ऊपर अपने राजनीतिक और सामाजिक दायित्व को प्राथमिकता देते हैं। सांसद मनीष जायसवाल को इससे पहले भी भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और दिल्ली विधानसभा चुनाव में जो जिम्मा सौंपा था, उसका निष्ठापूर्वक निर्वहन कर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पार्टी के पक्ष में कार्य कर इतिहास रचा है। विश्वास है कि बिहार विधानसभा चुनाव में भी उनके प्रभार क्षेत्र के सीटों पर एनडीए का प्रदर्शन शानदार रहेगा और एनडीए प्रत्याशियों की जीत होगी।




































