संसद में विस्थापन, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर बोले सांसद मनीष जायसवाल, सदन में लोगों की आवाज की बुलंद

हजारीबाग. लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने अपने चुनावी दौरे के दौरान हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के विस्थापन, प्रदूषण, रोजगार सृजन जैसे गंभीर विषय पर जनता से वादा किया था कि यह उनकी प्राथमिकता रहेगी। सांसद मनीष जायसवाल अपने चुनावी वादे को पूर्ण करते दिख रहे हैं। देश के सर्वोच्च सदन संसद के पटल पर सांसद मनीष जायसवाल हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के विस्थापितों के दर्द को जनता की आवाज बनकर पुरजोर तरीके से लगातार बुलंद कर रहे हैं। गुरुवार को संसद के बजट सत्र के दौरान सांसद मनीष जायसवाल ने दूसरी बार हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के ज्वलंत और गंभीर विषय को बड़े ही बेबाकी से उठाया और सरकार का इस दिशा में ध्यान आकृष्ट कराया। सांसद मनीष जायसवाल ने संसद में कहा कि कुछ दिन पहले मैंने अपने क्षेत्र के विस्थापन का विषय रखा था, लेकिन महज आधा मिनट का वक्त मिलने के कारण मैं अपनी बात पूर्ण नहीं कर सका और वह अधूरा रह गया। आज पुनः इस गंभीर विषय को रख रहा हूं। हजारीबाग, रामगढ़, चतरा में सीसीएल और एनटीपीसी द्वारा कोयले के खदानों के लिए विस्थापन किया जा रहा है। हजारीबाग जिले के केरेडारी, बड़कागांव, डाडी, चुरचू प्रखंड और रामगढ़ जिले के मांडू एवं रजरप्पा में खदाने संचालित हो रहे हैं।

विस्थापितों को छला जा रहा है- सांसद मनीष जायसवाल

सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि एनटीपीसी की जो कॉल परियोजना संचालित है, उसमें यह चार प्रकार से विस्थापितों को लाभ देते हैं। जिसमें रैयत के जमीन का दाम, उनके एसेट का दाम, विस्थापन का लाभ और रोजगार शामिल है। एनटीपीसी के द्वारा विस्थापितों को हर प्रकार के मुआवजा और लाभ में छला जा रहा है। विस्थापितों को जमीन का दाम एनटीपीसी द्वारा फिलवक्त 24 लाख प्रति एकड़ दिया जा रहा है, जबकि उक्त जमीन का बाजार वैल्यू इससे बहुत अधिक है। ऐसे में विस्थापितों को 24 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये प्रति एकड़ जमीन का मुआवजा देना चाहिए। एसेट कंपनसेशन में भी जब कंपनी अपने लिए तय करती है तो 2200-2500 रुपये प्रति स्क्वायर फीट तय करती है। वहीं जब गरीब विस्थापितों के मकान का कीमत लगती है तो विभेद करती है। पक्के मकान की दर 950 रुपये प्रति स्क्वायर फीट और कच्चे मकान की दर 650 रुपये प्रति स्क्वायर फीट निर्धारित है, जबकि मेरी मांग है कि पक्के मकान की दर 950 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए प्रति स्क्वायर फीट और कच्चे मकान की दर 650 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रति स्क्वायर फीट की जाए।

बेरोजगारी पर भी जताई चिंता

उन्होंने कहा कि विस्थापन का लाभ देने में भी इन्होंने पेंच फंसा दिया है और एनटीपीसी की पंकरी-बरवाडीह कोल माइंस जिस दिन 16.05.2016 को शुरू हुआ, उसी दिन के आधार पर एक कट ऑफ डेट तय की गई कि इस दिन तक जिन लोगों की आयु 18 वर्ष होगी, हम केवल उनको ही विस्थापन का लाभ देंगे। लेकिन जमीन का विस्थापन साल 2025-26 में किया जा रहा है। एनटीपीसी ने विस्थापितों को साल 2016 से उनकी जमीन पर रोक लगा दी और वहां सेक्शन 4 और 9 लागू हो जाता है, जिसके द्वारा उक्त जमीन में ना तो घर बन सकता है और ना ही इसे बेच सकता है। साल 2016 से परती रखकर अब जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस दिन से जमीन ली जा रही है, उसी दिन से कंपनसेशन देना न्यायोचित होगा और कंपनसेशन की कट ऑफ डेट भी बढ़ाई जानी चाहिए।

सांसद मनीष जायसवाल ने बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि एनटीपीसी अपने कार्य क्षेत्र में टोटल मैकेनाइज कर रहा है। कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से खदान से कोयला लाएगा और फिर मशीन के माध्यम से रैंकिंग ऑटोमेटिक तरीके से करेगा। विस्थापित और प्रभावित क्षेत्र के लोग सिर्फ देखने के लिए और धूल गर्दा खाने के लिए हैं। आज के समय यहां से एनटीपीसी 15 मिलियन टन ट्रांसपोर्ट कर रहा है। 2025 में 3 मिलियन टन रोड के जरिए ट्रांसपोर्ट करेगा और 2026 में इसे पूर्णतः खत्म करने की योजना है। कोयले के ट्रांसपोर्ट और ट्रैकिंग में टोटल ऑटोमेटिक किए जाने से इस क्षेत्र के लोगों का रोजगार पूर्णता समाप्त हो जाएगा और बड़ी संख्या में गाड़ियां खरीदने वाले और इसपर आश्रित रहने वाले एक बड़ा तबका बेरोजगार हो जाएगा।

सांसद मनीष जायसवाल ने सदन के माध्यम से कोयला मंत्री से आग्रह किया कि पर्यावरण और स्थानीय लोगों के रोजगार में समन्वय स्थापित कर कार्य करें अन्यथा यहां पेड़ तो बचेगा, लेकिन आदमी नहीं बचेंगे। उन्होंने हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के इस अति गंभीर और ज्वलंत मुद्दे पर सरकार से यथाशीघ्र संज्ञान लेने का आग्रह भी किया।

पहले भी सदन में उठाई थी विस्थापितों की आवाज

उल्लेखनीय है कि संसद के इसी बजट सत्र के दौरान बीते 13 मार्च 2025 को भी सांसद मनीष जायसवाल ने हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के विस्थापितों की आवाज को मुखरता से सदन में बुलंद की थी और कहा था कि हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में बरसों से जारी कोयला एवं ऊर्जा परियोजनाओं के कारण हजारों परिवार विस्थापित हो चुके हैं, लेकिन आज भी यह परिवार अपने अधिकारों और न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

Related Articles

Video thumbnail
राहुल गांधी और खरगे ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी, लिखा- "पहलगाम हमले पर संसद का विशेष सत्र.... मांग"
03:59
Video thumbnail
स्वदेशी जागरण मंच ने निकाला कैंडल मार्च, पहलगाम आतंकी हमले पर रोष बरकरार | Bokaro News
01:33
Video thumbnail
क्या अब और बढ़ता जाएगा सोने का भाव, बढ़े दाम में खरीदारी पर भी क्या है समझदारी | News 22Scope |
06:01
Video thumbnail
JSSC CGL पेपर लीक मामले को लेकर बाबूलाल मरांडी का एक पोस्ट..
05:37
Video thumbnail
भौरा आउटसोर्सिंग में नियमों की हुई अनदेखी तो जयराम ने सवाल उठाते क्या दे दी चेतावनी
04:19
Video thumbnail
IPLमें बिहार के वैभव ने किया वो कमाल जो आज तक कोहली और रोहित भी नहीं कर पाए
06:16
Video thumbnail
बिहार चुनाव: रघुनाथपुर में शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा तो आलमनगर में विधानसभा उपाध्यक्ष के सामने कौन?
00:00
Video thumbnail
बिहार चुनाव: भूमिहार बहुल Warisaliganj में अशोक महतो के सहारे तेजस्वी जलाएंगे लालटेन ? किस जाति के..
14:34
Video thumbnail
बिहार में Dhamdaha सीट पर JMM ठोकेगा दावा या..Warisaliganj में दो बाहुबली की पत्नियों के बीच भिड़ंत!
02:45:55
Video thumbnail
झारखंड की बड़ी ख़बरें | Top News | Jharkhand News |Congress Rally | SiramToli Flyover | 22Scope
10:29
Stay Connected
120,000FansLike
8,200FollowersFollow
497FollowersFollow
460,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -