किशनगंज : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) द्वारा खलनायक बताए जाने पर राजद और कांग्रेस के बीच व्याप्त अंदरूनी मतभेद खुल कर सामने आ गया है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने तेजस्वी पर तीखा हमला किया है। शनिवार को कोलकाता जाने के क्रम में किशनगंज पहुंचे पप्पू यादव ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार के साथ दो-दो बार सरकार में थे और अभी गठबंधन टूटे हुए एक साल भी नहीं हुआ है। उस दौरान जब सदन में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया गया था तब इन लोगों ने चुप्पी साध लिया था। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपत्ति जताई थी।
राजद का यह कृत शर्मनाक है और राजनीति में मर्यादा बरकरार रखनी चाहिए – पप्पू यादव
पप्पू यादव ने कहा कि राजद का यह कृत शर्मनाक है और राजनीति में मर्यादा बरकरार रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने जिससे सदन में राजनीति सीखा उसके खिलाफ इस तरह का पोस्टर नहीं लगाया जाना चाहिए। पप्पू यादव ने लालू प्रसाद यादव की बीमारी का हवाला देते हुए कहा कि वो भी कई मुद्दों पर बहक जाते है इसका मतलब उन्हें लेकर भी राजनीति किया जाए। पप्पू ने आगे कहा कि मुद्दों की राजनीति होनी चाहिए न कि इस तरह की शर्मनाक राजनीति की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, विशेष पैकेज नहीं दिया गया और पलायन नहीं रुका। इन सब मुद्दों को क्यों नहीं उठाया जा रहा है।
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CM नीतीश कुमार का पोस्टर लगाया गया था जिसमें लिखा गया था ‘में हूं खलनायक’ ?
गौरतलब हो कि शनिवार को पटना राजद कार्यालय के बाहर राजद के द्वारा सीएम नीतीश कुमार का पोस्टर लगाया गया था जिसमें लिखा गया था ‘में हूं खलनायक’ ? वहीं जब पप्पू यादव से पूछा गया कि क्या तेजस्वी यादव को इंडी गठबंधन में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में आप पसंद करेंगे। उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि उन्हें भी मुख्यमंत्री बनने का शौक है। पप्पू ने कहा कि कांग्रेस को दरकिनार करके कोई मुख्यमंत्री नहीं बन सकता। पप्पू ने आगे कहा कि अगर वो मुख्यमंत्री बनते है तो तीन महीने के अंदर भ्रष्टाचार को समाप्त करेंगे। साथ ही किसी भी कीमत पर दंगा नहीं होने देंगे और प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक नहीं होने देंगे। उन्होंने ने लालू यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि खुद को किंग मेकर कहने वाले लोग जब यह कहते है कि हमने देवगौड़ा और गुजराल को प्रधानमंत्री बनाया। उस वक्त 65 फीसदी आरक्षण क्यों नहीं लिया, निजी क्षेत्र में आरक्षण क्यों नहीं लागू करवा पाए।
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कौशल विश्वास की रिपोर्ट
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